अकोट पुलिस की मारपीट में संदिग्ध आरोपी की मौत?
विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने लिया गंभीरता से
* आईजी से संपर्क कर दिए कडी कार्रवाई के निर्देश
* पीएसआई सहित एक जवान निलंबित
* दो माह तक मामला अकोला पुलिस ने दबाकर रखा
अकोला/दि. 16 – एक प्रकरण में संदिग्ध आरोपी रहे व्यक्ति के साथ पुलिस ने क्रूरता की सभी सीमाएं तोड दी. पुलिस की मारपीट के कारण इस संदिग्ध की मृत्यु होने की सनसनीखेज घटना प्रकाश में आई है. मृतक के परिजनों द्वारा अमरावती परिक्षेत्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक के पास शिकायत करने के बाद और विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे द्वारा इस प्रकरण को गंभीरता से लेकर अमरावती रेंज के आईजी से संपर्क कर उन्हें इस प्रकरण में संबंधितो पर कडी कार्रवाई करने के निर्देश देने के बाद इस प्रकरण में जिला पुलिस अधीक्षक बच्चनसिंह ने स्थानीय अपराध शाखा में कार्यरत पुलिस उपनिरीक्षक राजेश जावरे सहित सालुंके नामक जवान को निलंबित करने के आदेश जारी किए है. पुलिस की मारपीट से मृत हुए व्यक्ति का नाम गोवर्धन हरमकार है.
मृतक गोवर्धन हरमकार के चाचा सुखदेव हरमकार द्वारा दी गई शिकायत के मुताबिक एक घटना के आरोप में अकोट शहर पुलिस स्टेशन के पुलिस उपनिरीक्षक राजेश जावरे और तीन पुलिस जवानों ने 15 जनवरी को उसके भतीजे गोवर्धन को गिरफ्तार कर लिया. 16 जनवरी को सुकली गांव के उसके घर की तलाशी ली गई तब पुलिस को कुछ नहीं मिला. इस कारण पुलिस ने मृतक गोवर्धन सहित शिकायतकर्ता सुखदेव हरमकार को भी कब्जे में लिया. 16 जनवरी की रात दोनों को पुलिस स्टेशन में लाकर बेरहमी से पीटा गया. इस मारपीट में सुखदेव हरमकार के सीर पर गंभीर चोटे आने से उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती किया गया. उसके बाद भी पुलिस ने मृत गोवर्धन से मारपीट की. इस मारपीट में गोवर्धन की हालत चिंताजनक होने के बाद उसे गंभीर अवस्था में अकोट के नीजि अस्पताल में भर्ती किया गया. लेकिन गोवर्धन की हालत नाजूक होने से उसे उपचार के लिए अकोला रेफर करने की सलाह डॉक्टरों द्वारा दिए जाने से जख्मी गोवर्धन को अकोला के एक नीजि अस्पताल में भर्ती किया गया. लेकिन दूसरे ही दिन 17 जनवरी को गोवर्धन हरमकार की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई. पुलिस की क्रूरतापूर्वक मारपीट के कारण ही भतीजे की मृत्यु होने का आरोप सुखदेव हरमकार ने अपनी शिकायत में दर्ज किया है.
* दो माह तक प्रकरण दबाकर रखा
विशेष यानी इतने गंभीर प्रकरण में अकोला पुलिस की तरफ से कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही थी. जनवरी माह में घटित यह प्रकरण दो माह तक अकोला पुलिस ने दबाकर रखा. लेकिन मृतक के रिश्तेदारों ने विशेष पुलिस महानिरीक्षक के पास गुहार लगाई. पश्चात अब इस प्रकरण में एक जांच समिति गठित की गई है. इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए फिलहाल इस प्रकरण में पीएसआई राजेश जावरे और एक जवान को निलंबित किया गया है.
* अनेक सवालों के जवाब अधर में
वर्तमान स्थिति में अकोला अपराध शाखा में कार्यरत उपनिरीक्षक राजेश जावर ने मृत गोवर्धन को किस मामले में कब्जे में लिया था? उस दिन पुलिस थाने में क्या हुआ? इस प्रकरण में विस्तृत जानकारी देने के लिए पुलिस प्रशासन क्यों टालमटोल कर रही है? परिवार के आरोप में सच्चाई है क्या? पीएम रिपोर्ट में क्या दर्ज है? सबसे महत्वपूर्ण यानी मृतक के परिवार में इस प्रकरण में तीन माह तक चुप्पी क्यों बनाए रखी? आदि अनेक सवालों के जवाब अंधेरे में है.
* पुलिस ने आकस्मिक घटना दर्ज की
गोवर्धन हरमकार के मृत्यु प्रकरण में अकोट ग्रामीण पुलिस स्टेशन में आकस्मिक घटना दर्ज की गई है. पीएम रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा, ऐसा अकोट ग्रामीण पुलिस स्टेशन के निरीक्षक किशोर जुनघरे ने बताया.
* प्रकरण दबाने अकोला में ही की थी अंत्येष्टि
गोवर्धन की मृत्यु के बाद उनके परिवार को जानकारी दी गई. गोवर्धन का परिवार अकोला पहुंचने के बाद उन्होंने शव गांव ले जाने का अनुरोध किया. लेकिन उन्हें धमकाते हुए उनसे परिस्थिति ठिक न रहने से मृतदेह पर अंतिम संस्कार न कर पाने की बात जबरदस्ती लिखवाकर ली गई. पश्चात अकोला में गरीब और अज्ञात शव पर अंतिम संस्कार करनेवाली संस्था से संपर्क कर अकोला के मोहता मिल स्मशानभूमि में गोवर्धन की अंत्येष्टि कर दी गई. गांव में अंत्येष्टि हुई होती तो इस प्रकरण की चर्चा होती. इस कारण प्रकरण को दबाने के लिए अकोला में ही गोवर्धन का अंतिम संस्कार किया गया, ऐसा कहा जाता है.
* डॉ. नीलम गोर्हे इस मामले पर गंभीर
गोवर्धन हरमकार मृत्यु प्रकरण को विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने काफी गंभीरता से लिया है. आज उन्होंने इस संदर्भ में अमरावती परिक्षेत्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक रामनाथ पोकले से चर्चा कर इस प्रकरण की जानकारी ली और दोषियों पर कडी कार्रवाई करने के निर्देश उन्होंने पुलिस को दिए है.
* आईपीएस अधिकारी अनमोल मित्तल ने की जांच
इस प्रकरण में आरोप रहे उपनिरीक्षक राजेश जावरे और जवान सोलंके को निलंबित किया गया है. वैद्यकीय रिपोर्ट के मुताबिक मृतक गोवर्धन के शरीर पर जख्म है. मारपीट के कारण उसकी मृत्यु होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. इस कारण संदिग्ध बर्ताव के कारण पीएसआई व जवान को निलंबित किए जाने का कारण आदेश में दर्ज है. विशेष यानी अकोट के आईपीएस अधिकारी अनमोल मित्तल में इस संपूर्ण प्रकरण की जांच कर एक रिपोर्ट तैयार की है और यह रिपोर्ट वरिष्ठों को भेजी रहने की जानकारी उन्होंने दी है. लेकिन जांच में क्या पाया गया, यह बताने से उन्होंने इंकार किया.