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बाबा सिद्दीकी मर्डर की शुभम के फ्लैट में रची गई साजिश

हत्या की जिम्मेदारी ली, फिर फरार

* गांववाले बोले- उसकी पूरी फैमिली क्रिमिनल
अकोला/दि.15- अकोला जिले के नेउरी गांव में दो दिन से सन्नाटा है. लोग अजनबियों को देखकर घर में घुस जाते हैं. पुलिस की गाड़ियां आ रही हैं. अकोट तहसील के इसी गांव में शुभम लोनकर का घर है. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राकांपा (अजित पवार गुट) लीडर बाबा सिद्दीकी के मर्डर की जिम्मेदारी शुभम ने ही ली थी. वो गैंगस्टर लॉरेंस से जुड़ा है और बताया जाता है कि लॉरेंस के भाई अनमोल से उसकी बात होती थी.

बाबा सिद्दीकी के मर्डर के बाद मुंबई पुलिस शुभम को पकड़ने पहुंची थी, लेकिन वो नहीं मिला. उसका परिवार 6 महीने पहले ही गांव छोड़कर जा चुका है। तभी से घर बंद है। इसी साल जनवरी में पुलिस ने शुभम को तीन पिस्टल के साथ पकड़ा था. वो अभी जमानत पर था.

मीडिया कर्मी शुभम का बैकग्राउंड जानने उसके गांव पहुंचे. गांव के लोगों के अलावा लोकल पुलिस अफसरों से बात की. शुभम ने फेसबुक पोस्ट के जरिए बाबा सिद्दीकी के मर्डर की जिम्मेदारी ली थी. हमने उसका फेसबुक अकाउंट भी खंगाला. इससे पता चला कि वो सोशल मीडिया के जरिए लॉरेंस के गुर्गों से जुड़ा था. गांववालों के मुताबिक, शुभम का पूरा परिवार क्रिमिनल है.

* वो महंगी कार से गांव आता था
शुभम के गांव पहुंचने पर जैसे ही मीडिया कर्मियों ने गांव में शूट करना शुरू ही किया था कि कुछ लोग आ गए. बोले- ‘कैमरा बंद करो. हमारे गांव की बदनामी होगी. हमारे बच्चों की शादियां नहीं होंगी.’ कैमरा बंद कर लिया. ऑफ कैमरा शुभम के एक पड़ोसी से बात की. उसने अपनी पहचान जाहिर करने से मना कर दिया. पड़ोसी ने बताया, ‘शुभम की फैमिली ही क्रिमिनल है. उसके पिता और दादा से पूरा गांव डरता था.’ ’पिता को शराब की लत थी. इसी लत की वजह से उनकी जमीनें बिक गईं। इसके बाद परिवार मजदूरी करने लगा. पैसे की तंगी हुई, तो शुभम और उसका भाई प्रवीण 6-7 साल पहले पुणे शिफ्ट हो गए थे. दोनों वहां डेयरी चलाते थे.’ ‘दोनों भाई कभी-कभार गांव आया करते थे. आखिरी बार शुभम जून में आया था. पहले वो क्लीन शेव रहता था. जनवरी में पुलिस ने उसे पिस्टल के साथ अरेस्ट किया था. इसके बाद उसने दाढ़ी रख ली थी.’

केवल 10वीं तक शिक्षा
‘शुभम सिर्फ 10वीं तक पढ़ा है. प्रवीण ने भी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी. शुभम के पिता पहले गांव में मजदूरी करते थे. घर में तंगी होने पर शुभम और प्रवीण पुणे चले गए. इसके बाद वे महंगी बाइक और कार से गांव आने लगे’ गांव में शुभम लोनकर का घर है. अभी इस पर ताला लगा है. पड़ोसी बताते हैं कि बीते 6 महीने से यहां कोई नहीं रहता है. महाराष्ट्र के अकोला जिले के नेउरी गांव में शुभम लोनकर का घर है. अभी इस पर ताला लगा है. पड़ोसी बताते हैं कि बीते 6 महीने से यहां कोई नहीं रहता है. पड़ोसी आगे बताते हैं, ‘देर रात पुलिसवाले गांव में आए थे. कुछ घंटे रुके और चले गए. तीन पुलिसवालों ने मेरा भी बयान लिया. पुलिस ने पिछली बार शुभम को अरेस्ट किया था, तब हमें पता चला कि वो किसी डॉन के लिए काम करता है. हमने ज्यादा पता लगाने की कोशिश नहीं की.’

* अंजनगांव के लोगोें से पूछताछ
पुलिस ने गांव में क्या जांच या पूछताछ की है? इसका जवाब शुभम के एक और पड़ोसी से मिला. वे बताते हैं, ‘पुलिस ने क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले और शुभम से मेलजोल रखने वाले लोगों से पूछताछ की है. इनमें कुछ लोग अमरावती जिले के अंजनगांव सुरजी के रहने वाले हैं. शुभम के साथ अंजनगांव सुरजी के लोग भी आर्म्स एक्ट में पकड़े गए थे.’

* जनवरी में तीन पिस्टल के साथ पकड़ा गया था शुभम
अकोला के सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर अनमोल मित्तल ने बताया कि शुभम के खिलाफ 16 जनवरी, 2024 को अकोला सिटी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था. इसमें आर्म्स एक्ट की धाराएं लगाई गई थीं.शुभम के अलावा 10 आरोपी और हैं. इनके पास से तीन पिस्टल बरामद की गई थीं. अनमोल मित्तल आगे बताते हैं, ‘शुभम का भाई प्रवीण भी आर्म्स एक्ट वाले केस में आरोपी है. सभी आरोपी जमानत पर हैं. बाबा सिद्दीकी मर्डर केस के बाद हमने 10 में से 8 आरोपियों से पूछताछ की है.’

* सिद्दीकी के मर्डर के बाद शुभम का फेसबुक पेज डिलीट
बाबा सिद्दीकी के मर्डर में लॉरेंस गैंग के शामिल होने की बात शुभम की फेसबुक पोस्ट से ही पता चली थी. मर्डर के कुछ घंटे बाद ‘शुभम लोनकर’ नाम के अकाउंट से ये पोस्ट की गई थी. इसके वायरल होते ही महाराष्ट्र पुलिस एक्टिव हुई और पोस्ट करने वाले की तलाश शुरू की. पुलिस को पता चला कि यह अकाउंट अकोट तहसील के नेउरी गांव के रहने वाले शुभम रामेश्वर लोनकर का है. फेसबुक पर लॉरेंस के नाम से पोस्ट डालने के बाद शुभम ने पेज डिलीट कर दिया. उसका पर्सनल फेसबुक अकाउंट भी लॉक है. पुलिस ने अकाउंट अनलॉक करने के लिए फेसबुक के मालिकाना हक वाली कंपनी मेटा को ईमेल भेजा है. इस बारे में मुंबई साइबर सेल में डीसीपी लेबल के अफसर से बात की. उन्होंने माना कि दोनों अकाउंट शुभम के ही हैं. एक पर्सनल अकाउंट है. शुभम ‘शुबू’ नाम से फेसबुक पेज भी चलाता था, जो अब डिलीट कर दिया गया है.

सलमान और बाबा सिद्दीकी का जिक्र
फेसबुक पोस्ट ‘शुबू लोनकर महाराष्ट्र’ नाम के अकाउंट से किया गया है. इसमें लिखा था, ‘सलमान खान हम ये जंग चाहते नहीं थे, पर तुमने हमारे भाई का नुकसान करवाया. आज जो बाबा सिद्दीकी की शराफत के पुल बांधे जा रहे हैं, वो एक टाइम में दाऊद के साथ मकोका एक्ट में था. इसके मरने का कारण दाऊद को बॉलीवुड, राजनीति, प्रॉपर्टी डीलिंग से जोड़ना था.’ शुबू लोनकर महाराष्ट्र नाम के फेसबुक पेज पर बाबा सिद्दीकी के मर्डर की जिम्मेदारी ली गई थी. इसमें नीचे लॉरेंस बिश्नोई का नाम था, जिससे गैंग के शामिल होने का पता चला. पोस्ट में अनुज थापन का नाम भी है. अनुज थापन पर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वालों को हथियार मुहैया कराने का आरोप था. पुलिस ने उसे पंजाब से अरेस्ट किया था. कस्टडी में अनुज की मौत हो गई थी. पुलिस के मुताबिक, उसने खुदकुशी की थी. बाबा सिद्दीकी के मर्डर को अनुज की मौत का बदला बताया गया है.

कुर्ला वाले घर में रुके तीनों शूटर
डीसीपी स्तर के एक अधिकारी बताते हैं कि बाबा सिद्दीकी के मर्डर की साजिश प्रवीण और शुभम के कुर्ला वाले फ्लैट में रची गई थी. तीनों शूटर गुरमैल, शिव और धर्मराज यहीं रुके थे. वे शाम को खाना खाने और बाबा सिद्दीकी की रेकी करने निकलते थे. आसपास के लोग बताते हैं कि गुरमैल अक्सर सिगरेट पीने के लिए घर के बाहर खड़ा रहता था. धर्मराज और शिव कुमार अंदर रहते थे. कुर्ला के इसी फ्लैट में बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में आरोपी शूटर ठहरे हुए थे. आसपास के लोग बताते हैं कि तीनों शाम होते ही निकल जाते थे और देर रात को ही लौटते थे.

शुभम की फ्रेंड लिस्ट में लॉरेंस गैंग का गुर्गा
हमने शुभम का फेसबुक पेज देखा. उसकी फ्रेंडलिस्ट में कुछ संदिग्ध लोग मिले. इनमें पवन नेहरा भी है. प्रोफाइल फोटो में पवन पांच पिस्टल और गोलियों के साथ दिख रहा है। उसके साथ एक शख्स और है. ये फोटो 2022 में लगाई गई थी. फोटो में दिख रहा शख्स पवन नेहरा है. 2020 में 8 महीने के भीतर 8 मर्डर करने के बाद पवन पुलिस के रडार पर आया था. पवन नेहरा भी लॉरेंस गैंग से जुड़ा है. पवन और उसका भाई लिपिन नेहरा गुरुग्राम की एक वाइनशॉप में शूटआउट में शामिल थे. पवन को 2023 में पुलिस ने उत्तराखंड से गिरफ्तार किया था.

पुलिस सोर्स के मुताबिक, पवन नेहरा जेल में रहकर ही टारगेट देता है और उसका भाई लिपिन कनाडा में बैठकर शूटर्स के जरिए काम करा रहा है. पुलिस को शक है कि बाबा सिद्दीकी के मामले में भी ऐसा ही हुआ होगा. शुभम के साथ कनेक्शन मिलने के बाद पवन नेहरा से भी जेल में पूछताछ की जा सकती है. फ्रेंडलिस्ट में दिख रहे ज्यादातर संदिग्ध लोग राजस्थान और उत्तर प्रदेश के हैं. इन्हीं दोनों राज्यों में लॉरेंस का सबसे मजबूत नेटवर्क है. साइबर सेल के एक अधिकारी बताते हैं कि शुभम का अकाउंट अनलॉक होने के बाद अहम सुराग मिल सकते हैं. बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में जांच कर रहे एक अधिकारी बताते हैं, ‘शुभम इस मर्डर की प्लानिंग, और लॉजिस्टिक सपोर्ट में शामिल था. कब क्या करना है, ये शुभम ही डायरेक्ट कर रहा था. वो सोशल मीडिया में काफी एक्टिव रहता था.’ पुलिस का यह भी मानना है कि लॉरेंस गैंग के मेंबर सोशल मीडिया के जरिए नए लड़कों को जोड़ रहे हैं. वे ऐसे युवाओं को टारगेट करते हैं, जो क्राइम से रिलेटेड पोस्ट करते हैं.

लॉरेंस ने तैयार किया गैंगस्टर-टेरर नेक्सस
नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी लॉरेंस से जुड़े बड़े मामलों की जांच कर रही है. इनमें आतंकी संगठन बब्बर खालसा से लिंक और पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी भी शामिल है. एनआईए ने 2023 में आतंकवाद से जुड़े एक मामले में लॉरेंस का नाम शामिल किया था. एनआईए के मुताबिक, लॉरेंस ने नॉर्थ और वेस्ट इंडिया में शॉर्प शूटर्स का नेटवर्क तैयार कर लिया है. वो जेल में बैठकर ही आसानी से गुर्गों से बात करता है. एनआईए के मुताबिक, लॉरेंस कनाडा बेस्ड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के साथ एक्सटॉर्शन सिंडिकेट चला रहा है.

 

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