अकोला / दि.2- डिलीवरी बॉय को दो हजार रुपए की नकली नोट देकर जालसाजी करने के प्रकरण में दोषी ठहराए गए नाबालिग आरोपी को अनाथालय के में एक माह संगणक सिखाने की सजा सुनाई गई है. यह फैसला अकोला बालन्याय मंडल ने सुनाया.
सिविल लाईन थाना क्षेत्र में रहनेवाले एक 17 वर्षीय किशोर ने आ2नलाइन शॉपिंग कंपनी से संगणक मंगवाया था. उसने मंगवाया संगणक डिलीवरी बॉय गणेश उपरीकर ने 26 जनवरी 2019 को उसके घर जाकर दिया. बदले में किशोर ने उसे दो हजार रुपए की 10 नकली नोट दी. उस समय उन नोटो को असली समझकर डिलीवरी बॉय वहां से लेकर चला गया. बाद में उसने वह नोट अपने मैनेजर के पास जमा की. तब दो हजार की यह नोट नकली रहने की बात प्रकाश में आई. मैनेजर से जब संबंधित डिलीवरी बॉय से पूछताछ की तब उसने संबंधित किशोर द्वारा दिए जाने की जानकारी दी. बाद में उन्होंने संबंधित किशोर को फोन कर पैसे ज्यादा आने की बात कर अपने कार्यालय आकर पैसे ले जाने कहा. लेकिन किशोर वहां नहीं पहुंचा. पश्चात उपरीकर ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज की. आरोपी नाबालिग रहने से कानूनन प्रकरण बालन्याय मंडल में दाखिल किया गया. इस प्रकरण की सुनवाई होने के बाद बालन्याय मंडल ने किशोर को दोषी ठहराते हुए दो हजार रुपए जुर्माना और बालसुधार गृह के युवकों को एक माह संगणक सिखाने के आदेश दिए. बाल न्यायालय द्वारा किशोर को सुनाई गई सजा वर्तमान में चर्चा का विषय बनी हुई है.