अकोला

शिक्षा में है समाज को बदलने की ताकत

पूर्व कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर का प्रतिपादन

प्रथम कुलगुरू डॉ. के.जी. देशमुख की स्मृति में व्याख्यानमाला
अकोला-/ दि. 12  शिक्षा में है समाज को बदलने की ताकत ऐसा नेल्सन मंडेला ने कहा. विश्व को बदलने और उसका कल्याण करने का सामर्थ्य शिक्षा में है. स्वतंत्रता के पश्चात उच्चशिक्षा को समग्र दिशा प्राप्त हुई. ऐसा प्रतिपादन संत गाडगेबाबा विद्यापीठ अमरावती के पूर्व कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर ने व्यक्त किया. वे संत गाडगेबाबा विद्यापीठ की ओर से श्रीमती लक्ष्मीबाई राधाकिसन तोष्णीवाल वाणिज्य महाविद्यालय मेंं प्रथम कुलगुरू डॉ. के.जी. देशमुख की स्मृति में आयोजित व्याख्यान माला में ‘समग्र उच्च शिक्षा की दिशा’ विषय पर बोल रहे थे.
ऑनलाइन तौर पर आयोजित व्याख्यानमाला की अध्यक्षता संगाबा विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे ने की तथा बी.जी.ई. सोसायटी अकोला के अध्यक्ष एड. मोतीसिंह मोहता, सहसचिव अभिजीत परांजपे, दानदाता श्रीमती कमलाताई, काशीराव देशमुख, कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एन.जी. चापके, जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विलास नांदुरकर उपस्थित थे. डॉ. चांदेकर ने आगे कहा कि शुरूआत में गुरूकुल शिक्षा पध्दति थी. उस पध्दति से ही सर्वांगीण विकास साधा जाता था. ग्राम विकास व समाज विकास उसी में से ही विविध प्रकार के कौशल्य विद्यार्थियों को प्राप्त होते थे.
ज्ञानसंवर्धन, मूल्य संवर्धन, संस्कृति का जतन सही मायनों में गुरूकुल शिक्षा पध्दति द्बारा ही होता था. तेरहवें शतक तक आउटकम बेस्ड शिक्षण पध्दति थी. किंतु उसके पश्चात विविध आक्रमण द्बारा मंदिर तोडे गये. साहित्य जलाया गया. जिसकी वजह से भारतीय संस्कृति की अस्मिता नष्ट करने का प्रयास किया गया. विद्यापीठ गीत से कार्यक्रम की शुरूआत की गई. कर्मयोगी संत गाडगेबाबा, डॉ. के.जी. देशमुख व माता सरस्वती का पूजन मान्यवरों के हस्ते किया गया. प्रास्ताविक जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विलास नांदुरकर ने रखा तथा स्वागत भाषण प्रा. एस.जी. चापके ने दिया. कार्यक्रम में कुलचिव डॉ. तुषार देशमुख, डॉ. कमल देशमुख, एड. मोतीसिंह मोहता ने अपना मनोगत व्यक्त किया. कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन डॉ. स्वाती दामोदरे ने किया. इस अवसर पर सीताबाई कला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर.डी. सिकची सहित विविध महाविद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक, विद्यार्थी तथा नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे.
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* शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा-डॉ. दिलीप मालखेडे
प्रथम कुलगुरू डॉ. के. जी. देशमुख की स्मृति में आयोजित व्याख्यान माला में अपने अध्यक्षीय भाषण में संगाबा विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे ने कहा कि प्रथम कुलगुरू डॉ. के. जी. देशमुख की दूरदृष्टि के चलते विद्यापीठ में विकास कार्य हुए है. डॉ. चांदेकर ने समग्र उच्च शिक्षा की दिशा विषय पर विकास का आलेख उत्कृष्ट पध्दति से रखा. नई शिक्षा पध्दति में अनेकों टप्पे दिए गये है. विद्यार्थियों के स्वप्न पूर्ण हो इस दृष्टि से नई शैक्षणिक नीति पर अमल किया गया है.
* रासेयो विद्यार्थियों का किया सत्कार
स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में जिले के विविध महाविद्यालयों में रासयो विद्यार्थियेां द्बारा हर घर तिरंगा रैली में सहभाग लिया गया था. इस अवसर पर विविध स्पर्धाओं का भी आयोजन किया गया था. जिसमें उत्कृष्ट रासेयो विद्यार्थियों व पथको को प्रमाणपत्र व नगद पुरस्कार मान्यवरों के हस्ते प्रदान कर सम्मानित किया गया. इस समय विद्यापीठ रासेयो संचालक डॉ. राजेश बुरंगे उपस्थित थे.

 

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