अकोला/दि.8 – सर्वोच्च न्यायालय के ईडब्ल्यूएस कोटा पर निर्णय से पिछले दरवाजे से मनुस्मृति ने प्रवेश कर लिया है. आपने आर्थिक आधार पर आरक्षण देते समय उसकी जाति को आधार नहीं माना, उसी प्रकार ओबीसी और एससी-एसटी को इससे परे रखना अर्थात धारा 14 का सरासर उल्लंघन है. इस तरह की प्रतिक्रिया वरिष्ठ नेता और वंचित आघाडी के अध्यक्ष एड. प्रकाश आंबेडकर ने व्यक्त की. उन्होंने आशंका जताई कि, शेष बचे आरक्षण में भी आर्थिक आधार आने की संभावना है. जिससे एससी और एसटी द्बारा बदलाव के बारे में सुझाव देने चाहिए. सावधान रहना चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय उनके पक्ष में नहीं है. सर्वोच्च न्यायालय की संपूर्ण विचारधारा बदल गई है. सामाजिक से अधिक आर्थिक विषमता को महत्व दिया जा रहा है.