* अकोला के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय ने सुनाई सजा
अकोला/दि.22– शाला के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक शालेय छात्रा का हाथ पकडकर उसका विनयभंग करनेवाले दर्शन संजय गाडे (23, नानानगर, अकोट फैल) नामक आरोपी को स्थानीय अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश एस.पी. गोगरकर की अदालत ने तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
जानकारी के मुताबिक यह घटना सितंबर 2023 में घटित हुई थी. जब पीडित छात्रा अपनी शाला में जा रही थी तो दर्शन गाडे ने शाला के मुख्य प्रवेशद्वार के पास उसका हाथ पकडकर उसे रुकवाया और खुद से बात करने हेतु कहा. इस समय यह देखते ही शाला के कुछ शिक्षको ने दर्शन गाडे को पकड लिया और उसे मुख्याध्यापक के समक्ष पेश किया गया व दर्शन गाडे ने शिक्षको के साथ धक्काबुक्की की और फिर वहां से भाग गया. इससे पहले भी दर्शन गाडे ने कई बार उक्त पीडिता का पीछा करते हुए उसे बार-बार प्रताडित किया था. इसकी जानकारी मिलने पर पीडिता की मां ने भी दर्शन गाडे को कई बार समझाया. लेकिन वह अपनी हरकतो से बाज ही नहीं आ रहा था.
इसके चलते पीडिता की मां ने रामदासपेठ पुलिस थाने पहुंचकर उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. जिसके आधार पर पुलिस ने भादंवि की धारा 354 तथा 354 (अ) (ड) एवं पोक्सो कानून की धाराओं की तहत अपराध दर्ज करते हुए मामले की जांच के बाद अदालत में चार्जशीट पेश की. जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी अभियोक्ता शीतल भूतडा ने 7 गवाहों को पेश करने के साथ ही जोरदार युक्तिवाद किया. जिसे ग्राह्य मानते हुए अदालत ने दर्शन गाडे को भादंवि की धारा 354, 354 (अ) व पोक्सो अधिनियम की धारा 7 व 8 के अंतर्गत दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष का सश्रम कारावास व 3 हजार रुपए जुर्माने एवं जुर्माना अदा नहीं करने पर तीन माह की कैद तथा भादंवि की धारा 354 (ड) के अंतर्गत दो वर्ष के सश्रम कारावास व दो हजार रुपए जुर्माने एवं जुर्माना अदा नहीं करने पर एक माह की कैद की सजा सुनाई है.