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बेदम मारपीट करनेवाले पातुर के तत्कालीन व शहर के गाडगेनगर के थानेदार पर मुसीबत

फौजदारी प्रकरण न्यायालय में चलाने के निर्देश

* चार साल बाद निकला आदेश
अमरावती/दि.2-साल 2019 में अकोला जिले के पातुर पुलिस स्टेशन के थानेदार रहे और वर्तमान में अमरावती शहर के गाडगेनगर के थानेदार के रुप में कार्यरत गजानन गुल्हाने ने एक प्रकरण में आरोपी के साथ बेदम मारपीट की थी. इस मारपीट में आरोपी का एक हाथ फ्रैक्चर हो गया था. इसके बावजूद आरोपी के उपचार में लापरवाही बरती गई थी. इश प्रकरण में संबंधित आरोपी द्वारो न्यायालय के सामने अपना पक्ष रखने के बाद आवश्यक सभी जांच की गई और चार साल बाद संबंधित थानेदार के खिलाफ न्यायालय में प्रकरण चलाने के आदेश जारी किए गए.
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2019 में पातुर तहसील के दामोदर राऊत के खिलाफ एक मामला दर्ज हुआ था. इस प्रकरण में पातुर के तत्कालीन थानेदार गजानन गुल्हाने ने अपने सहयोगियों के साथ 7 सितंबर 2019 को दामोदर राऊत के घर पहुंचकर उसे कब्जे में लिया और पुलिस स्टेशन ले आए. थाने में लाने के बाद उसके साथ बेदम मारपीट की गई. इस मारपीट में राऊत के हाथ पर गंभीर चोटे आ गई और उसका एक हाथ फ्रैक्चर हो गया. इस कारण उसने दवाखाने ले जाने का अनुरोध किया. लेकिन थानेदार ने उसके उपचार में काफी लापरवाही बरती. पश्चात राऊत की वेदना देखकर उसे काफी देरी से दवाखाना ले जाया गया. हाथ पर गंभीर चोटे दिखाई देने पर पातुर के डॉक्टरो ने उसे अकोला जिला अस्पताल ले जाने कहा. लेकिन थानेदार ने फिर भी अनदेखी कर उसे दूसरे दिन अकोला जिला अस्पताल में भर्ती किया. वहां के डॉक्टरों ने राऊत के हाथ पर प्लास्टर करना आवश्यक रहने की बात कहने के बावजूद प्लास्टर न करते हुए थानेदार उसे पातुर थाना ले गए. पश्चात अदालत में पेश करने के पूर्व उसे धमकाया गया और कोई भी वैद्यकीत कारण न्यायालय के सामने न रखने की हिदायत दी. लेकिन राऊत ने पातुर न्यायालय के सामने अपनी आपबिती सुनाकर उपचार की आवश्यकता रहने का अनुरोध किया. तब पातुर न्यायाधीश ने उसका बयान दर्ज किया. सारी हकीकत जानने के बाद इस गंभीर प्रकार की जानकारी अकोला जिला व सत्र न्यायाधीश को दी. उन्होंने इस प्रकरण की जांच करने की जिम्मेदारी बालापुर के न्यायाधीश को दी. बालापुर के न्यायाधीश ने इस संपूर्ण प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट अकोला न्यायाधीश के सामने प्रस्तुत की. इस प्रकरण में हुई जांच में दामोदर राऊत द्वारा बताई गई जानकारी सच रहने और थानेदार द्वारा गलती किए जाने की बात उजागर हुई. इस आधार पर पातुर के जेएमएफसी कैलास कुरंदले ने इस प्रकरण में सीआरपीसी की धारा 204 के मुताबिक थानेदार के खिलाफ धारा 326, 509, 506 के तहत प्रकरण न्यायालय में चलाने के निर्देश जारी किए है. गत 30 अगस्त को यह आदेश जारी किए गए. इस प्रकरण में आगे क्या होता है? इस ओर सभी का ध्यान केंद्रीत है.

* समन्स जारी हुआ
इस प्रकरण में पातुर न्यायालय ने पातुर के तत्कालीन थानेदार और वर्तमान में गाडगेनगर के थानेदार गजानन गुल्हाने पर न्यायालय में प्रकरण चलाने के लिए सीआरपीसी की धारा 204 के मुताबिक कार्रवाई करने के लिए आरोपी के रुप में समन्स जारी किया है.

* चार साल बाद मिला न्याय
पुलिस की खाकी वर्दी और पद का दुरुपयोग कर आम नागरिकों की जान से खेलने वाले गजानन महादेव गुल्हाने जैसे थानेदार को उचित शिक्षा मिलनी चाहिए. चार साल बाद ही क्यों न हो, लेकिन अब न्याय मिलने से मुझे राहत मिली है.
दामोदर राऊत

कार्रवाई करने से बौखलाया था आरोपी
वर्ष 2019 में दामोदर राऊत पर पातुर के थानेदार रहते पुलिस कार्रवाई की गई थी. राऊत पर विविध 25 मामले दर्ज है. उसकी अपराधिक पृष्ठभूमि को देखते हुए तडीपार भी किया था. वह काफी कुख्यात है. कार्रवाई किए जाने से उसने यह आरोप किए है. अदालत ने 204 के मुताबिक जांच के आदेश जारी किए है. लेकिन अब तक मुझे इस संबंध में कोई समन्स प्राप्त नहीं हुआ है. अदालती आदेश के मुताबिक मेरा जांच में पूरा सहयोग रहेंगा.
गजानन गुल्हाने, थानेदार गाडगेनगर

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