अकोला

वेंटीलेटर के लिये हो रही वेटिंग

विदर्भ के अधिकांश शहरों में हालात गंभीर

  • प्रशासन के सामने चुनौती

अकोला/प्रतिनिधि दि.१७ – आपातकालीन स्थिति में अस्पताल में दाखिल होने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को वेंटीलेटर बेड की आवश्यकता होती है. जिला सामान्य अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में भी अब वेंटीलेटर बेड उपलब्ध नहीं होने से मरीजों की चिंता बढ़ी है. अस्पतालों में वेंटीलेटर बेड के लिये अब वेटिंग लिस्ट भी लग चुकी है. अकोला के साथ-साथ विदर्भ के अधिकांश जिलों में यही हालात बने हुए है.
यहां बता दें कि अकोला के कुछ क्रिटीकल केअर अस्पताल, कोविड केअर सेंटर, जिला सामान्य अस्पताल, जिला महिला अस्पताल व शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय में वेंटीलेटर का प्रावधान है.
बीते कुछ दिनों से मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. लेकिन गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने से प्रत्येक को ऑक्सीजन व वेंटीलेटर की जरुरत पड़ने लगी है. गत माह तक ज्यादा उम्र के मरीज भर्ती हो रहे थे. लेकिन अब छोटे उम्र के बच्चे भी कोरोना बाधित पाये जा रहे हैं. इसलिए कम से कम छोटी उम्र के मरीजों को वेंटीलेटर मिल सके, इसके लिये मरीजों के रिश्तेदारों की भागमभाग हो रही है. लेकिन प्रत्येक अस्पताल में वेंटीलेटर बेड के लिये वेटिंग लिस्ट लगी हुई नजर आ रही है. वेंटीलेटर पर उपचार ले रहे मरीज को डिस्चार्ज मिलने के बाद ही बेड मिल रहे हैं. जिसके चलते रिश्तेदार दिनभर अस्पताल के चक्कर काटकर पूछताछ कर रहे हैं.
अकोला का सर्वोपचार अस्पताल पश्चिम विदर्भ का सबसे बड़ा अस्पताल है, वाशिम, हिंगोली, बुलढाणा व यवतमाल के मरीज पहले से ही अकोला में उपचार के लिये आने से यहां के अस्पताल पर तनाव बढ़ रहा है. वहीं अब कोरोना से भी अस्पताल पर ज्यादा तनाव बढ़ गया है. अब भी बुलढाणा,वाशिम जिले के मरीज अकोला अस्पताल में दाखिल होने से अस्पताल में भीड़ बढ़ी है. वहीं गंभीर बीमारी के मरीजों से वेंटीलेटर के बेड भी कम पड़ रहे हैं.

  • देरी से दाखिल होने पर हालात हो रहे विकट

कोरोना के सौम्य लक्षण पाये जाने के बाद शुरुआत में नजरअंदाज किया जाता है. इसके बाद दो-चार दिनों बाद जनरल प्रैक्टिशनर के पास जाकर इलाज करवाया जाता है और जब हालात और बिगड़ने लगे तब सर कारी अस्पताल या क्रिटिकल केअर अस्पताल में मरीजों को दाखिल कराया जाता है. लेकिन तब तक मरीज की हालत काफी नाजुक हो जाने से उसे वेंटिलेटर की जरुरत पड़ती है. यह जानकारी अकोला के जिला शल्य चिकित्सक डॉ. राजकुमार चव्हाण ने दी. इसलिए सौम्य लक्षण पाये जाते ही तुरंत उपचार कराने की सलाह डॉ. चव्हाण ने दी.

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