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जिला उद्योग केंद्र का सराहनीय कदम
अकोला/दि.16 – अकोला जिला कपास उत्पादक जिले के नाम से पहचाना जाता है. किंतु यहां पर कपास प्रक्रिया उद्योग नहीं रहने की वजह से यहां का कपास बाहर भिजवाया जाता था और किसानों को कोई खास मुनाफा भी नहीं मिलता था. जिसमें किसानों को अपनी कपास की फसल का उचित मुआवजा मिले जिले में ही कपास प्रक्रिया उद्योग शुरु हो इसके लिए अकोला जिला उद्योग केंद्र ने कदम बढाते हुए अकोला के 27 उद्योगों को एकत्रित कर कपास से कपडा तैयार करने का प्रक्रिया उद्योग शुरु किया गया है.
यहां निर्मित होने वाला कपडा अकोला तथा अमरावती के व्यापारियों को बेचा जाता है. एक अंतर्राष्ट्रीय दर्जे की कंपनी व्दारा 2 लाख टीशर्ट की भी डिमांड की गई है. जिसमें जल्द ही 2 लाख टीशर्ट कंपनी को आपूर्ति की जाएगी. कपास उत्पादक के नाम से मशहूर अकोला जिले में कपास पर प्रक्रिया कर उद्योग का निर्माण किया जाए ऐसी संकल्पना एक गांव एक उत्पादन का स्वरुप देकर इसे जिले के पालकमंत्री बच्च्ाू कडू ने बढावा दिया. जिला उद्योग केंद्र के मार्फत कपास प्रक्रिया करने वालों को एकत्रित करने का प्रयास शुरु किया. मुख्यमंत्री रोजगार निर्मिती कार्यक्रम अंतर्गत जिले के बोरगांव मंजू में दि टेक्सटाइज एसो. अकोला इस उद्योग समूह का एकत्रिकरण किया गया.
फिलहाल शेलापुर व बोरगांव मंजू स्थित यूनिट को मिलाकर 27 यूनिट कार्यरत है. साधारणत: दिन में ढाई टन कपास पर प्रक्रिया की जाती है जिसके लिए 600 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया. प्रकल्प की शुरुआत में 110 कर्मचारी कार्यरत थे. इस उद्योग में कुशल महिला कामगारों की आवश्यकता बोरगांव व आस-पास के गांवो से पूर्ण हो रही है. चार महीनों से यहां उत्पादन शुरु है ऐसी जानकारी प्रकल्प के समन्वय कश्यप जगताप ने दी.
जिला उद्योग केंद्र की सिफारिश पर 13.50 करोड कर्ज
जिले में कपास प्रक्रिया उद्योग शुरु करने की दृष्टि से जिला उद्योग केंद्र व्दारा प्रयास किए गए. जिसमें 27 उद्योगों को एकत्रित कर उद्योग समुह का निर्माण किया गया. जिसके लिए प्रत्येक उद्योगों को जिला उद्योग केंद्र की सिफारिश के अनुसार युनियन बैंक व्दारा 50 लाख रुपए तथा मुख्यमंत्री रोजगार निर्मिती कार्यक्रम अंतर्गत 10 करोड रुपए की आधुनिक मशीने अनुदान तत्व पर दी गई. साढे पांच करोड रुपए की निधी परिसर के रास्ते, पानी व अन्य आधारभुत सुविधाओं के विकास के लिए प्रास्तावित है.