ड्राइवर की सतर्कता से बची सबकी जान
अकोला/दि.23 – यहां से पास ही स्थित महान से 6 किमी दूर कासमार वाघा के निकट वाशिम डिपो की अकोला जा रही बस के बे्रक फेल हो गए. इसका पता चलते ही बस के चालक ने धीरे-धीरे अपने बस की रफ्तार को कम किया और यात्रियों को चलती बस से नीचे उतरने के लिए कहा. जिसके बाद कम रफ्तार पर चल रही इस बस से 40 यात्री फटाफट नीचे कूद कर उतर गए. जिसके बाद बस चालक ने सामने स्थित सिमेंट काँक्रिक की नाली पर अपनी बस को चढा दिया, जिसके बाद यह बस रुक गई और संभावित हादसा टल गया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार वाशिम डिपो की रापनि बस क्रमांक एमएच-40/वाय-5330 सोमवार की सुबह पिंपरी, शेलूबाजार, महान व बार्शिटाकली होते हुए अकोला जाने के लिए निकली. जिसके बाद सुबह 9.30 बजे महान से करीब 6 किमी दूर कास्मार व वाघा के बीच सामने चल रहे ट्रक को ओवर टेक करते समय बस का अचानक ब्रेक फेल हो गया. यह बात ध्यान में आते ही बस के चालक ने बस में सवार 40 लोगों की जान बचाने की कोशिश करते हुए रास्ते पर पडे गिट्टी के ढेर पर बस को चढा दिया. ताकि बस की रफ्तार को कम किया जा सके. इस समय बस की रफ्तार कम होते ही ड्राइवर ने बस के सवार सभी यात्रियों को बस के नीचे कूद ने की सलाह दी और सभी यात्री फटाफट नीचे कूद गए. किंतु आगे ढलान रहने की वजह से बस की रफ्तार दुबारा बढ गई. ऐसे में बस के चालक ने गेअर कम करने के साथ ही स्टेट बैंक के पास ही स्थित सिमेंट काँक्रिट की नाली पर बस को चढा दिया. नाली का काँक्रिट उंचा रहने की वजह से बस का एक पहिया उसमें अटक गया और बस एक झटके के साथ रुक गई. जिसके पश्चात बस चालक एम. टी. गेडाम ने इस मामले से वाशिक डीपो को अवगत कराया.
* सभी यात्रियों को दूसरी बस से किया गया रवाना
जिस समय एसटी बस चालक एम. टी. गेडाम ने अपनी बस की रफ्तार कम करते हुए सभी यात्रियों को बस से नीचे कूद ने के लिए कहा था. यात्रियों के साथ बस के कंडक्टर एस. एस. वाडेकर भी चलती बस से नीचे कूद गए थे. लेकिन उनकी टिकट मशीन बस में ही रह गई थी और बस आगे निकल गई थी. ऐसे में यात्रियों के साथ-साथ बस के कंडक्टर एस. एस. वाडेकर बस के पीछे-पीछे करीब 2 किमी तक पैदल चले. उधर बस को सिमेंट काँक्रिट की नाली में फंसाकर रोकने में कामयाब रहे बस के चालक एम. टी. गेडाम ने अपने मोबाइल से कंडक्टर वाडेकर से संपर्क किया, तो कंडक्टर ने उन्हें टिकट मशीन साथ लेकर आने के लिए कहा. जिसके बाद बस चालक गेडाम टिकट मशीन लेकर झोडगा फाटे पर पहुंचे. जहां से सभी 40 यात्रियों को पीछे से आ रही दूसरी बस में बिठाकर आग के लिए रवाना किया गया.