अकोला/दि.26- जिले के किसान आधुनिक खेती पर जोर देने लगे हैं. ऐसे ही मुर्तिजापुर के एक युवा किसान ने पारंपरिक खेती कर खेत में नया प्रयोग कर पीले रंग के तरबूज की सफल बुआई की है. सद्य स्थिति में खेतमाल निकलने के लिए तैयार होने के साथ ही इस माध्यम से लाखों रुपए की आय मिलने की बात किसान ने कही.
जिले में अधिकांश खेत खारेपानी पट्टी के है. इनमें मुर्तिजापुर तहसील में भी अधिकांश खेत यह खारेपानी पट्टी के है. इसलिए अनेक किसान पारंपरिक फसल लेते हैं. लेकिन गत तीन-चार वर्षों से वातावरण बदलने से किसानों का आर्थिक गणित बिगड़ने का चित्र है. जिसके चलते युवा किसानों ने पारंपारिक खेती की बजाय आधुनिक खेती करना शुरु किया है. मुर्तिजापुर निवासी ऋषिकेश विजयराव तिडके यह युवा किसान उनमें से एक है. उन्होंने अलग-अलग स्थानों की प्रयोगशील खेती की जानकारी लेते हुए मुर्तिजापुर शिवार के अपने खेत में पीले तरबूज की फसल का जिले में पहला प्रयोग सफल किया.
उच्च शिक्षित ऋषिकेश तिडके ने एग्रिकल्चर में एमबीए किया है. पढ़ाई पूर्ण होने के बाद उन्होंने गुजरात राज्य के अहमदाबाद में निजी नौकरी भी की. लेकिन मूल रुप से किसान होने से वे गांव लौटे और अपने खेत में अलग-अलग प्रयोग करना शुरु किया. गत वर्ष भी उन्होंने अहमदाबाद से बीज बुलाकर एक एकड़ क्षेत्र में पीले तरबूज की बुआई की थी. पीले रंग का तरबूज ग्राहक आकर्षित होंगे, ऐसी उम्मीद इस किसान को थी. लेकिन किसान ने व्यापारी को माल बिक्री न करते हुए स्वयं की माल की बिक्री की. उनका खेत मुर्तिजापुर-अमरावती महामार्ग पर होने के कारण खेत के पास ही उन्होंने बिक्री की. खाने के लिए स्वादिष्ट होने से गत वर्ष का ग्राहक कायम होने की बात तिडके ने कही.
गत वर्ष का प्रयोग सफल होने से उन्होंने इस बार भी पीले रंग के तरबूज की बुआई की. फिलहाल खेतमाल बिक्री के लिए तैयार हुआ है.