राज्यव्यापी हडताल में शामिल हुए सभी विद्युत कर्मी
विद्युत भवन के सामने अपनी मांगों को लेकर दिया धरना

अमरावती/दि.9 – केंद्र एवं राज्य सरकार की विद्युत उद्योगों के निजीकरण की नीति का विरोध करने के साथ ही अपनी विभिन्न प्रलंबित मांगों को लेकर महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी अभियंता व अधिकारी कृति समिति के आवाहन पर एक दिवसीय राज्यव्यापी हडताल में अमरावती शहर सहित जिले के सभी विद्युत अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया. जिसके तहत सभी विद्युत कर्मियों में स्थानीय कैम्प परिसर स्थित विद्युत भवन के समक्ष जोरदार नारेबाजी करते हुए धरना व प्रदर्शन किया.
इस समय कृति समिति की ओर से आरोप लगाया गया कि, समांतर विद्युत लाईसेंस, प्रिपेड, स्मार्ट मीटर व 329 सबस्टेशन को ठेके पर देने जैसे कामों के जरिए महावितरण व महापारेषण जैसी कंपनियों के अस्तित्व को खतरे में डाला जा रहा है. साथ ही इस समय हडताली विद्युत अधिकारियों व कर्मचारियों ने महावितरण व महापारेषण कंपनियों की पुनर्रचना के प्रस्ताव का विरोध करते हुए मांग उठाई कि, सन 2019 के बाद मंजूर हुए उपकेंद्र में स्टॉफ मंजूर किया जाए. सभी अभियंताओं, अधिकारियों व कर्मचारियों की पेन्शन योजना को मंजूरी दी जाए, 43 हजार ठेका नियुक्त व बाह्य स्त्रोत कर्मचारियों को योग्य वेतनश्रेणी में शामिल किया जाए, 40 हजार रिक्त पदों पर भर्ती तथा वर्ग-1 से वर्ग-4 में पिछडावर्गीय अनुशेष को दूर किया जाए, वेतन वृद्धि में रहनेवाली त्रुटी को दूर करने हेतु एनॉमली कमिटी का गठन किया जाए, समूचे राज्य के विद्युत उपकेंद्रों में सुरक्षा रक्षकों की नियुक्ति की जाए तथा सभी सहायकों की तीन वर्ष की कालावधि को एक वर्ष किया जाए. इसके साथ ही तीनों कंपनियों की तबादला नीति व महानिर्मिती कंपनी में भर्ती एवं सेवा शर्त में एकतरफा बदलाव तथा महापारेषण कंपनी में 200 करोड रुपए से अधिक वाले प्रकल्प टीबीसीबी को दिए जाने का भी पूरजोर विरोध किया गया.
इस धरना प्रदर्शन में महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रीक वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव कृष्णा भोयर, सबॉर्डीनेट इंजीनियर्स एसो. (महावितरण) के महासचिव संतोष खुमकर, महाराष्ट्र स्टेट विद्युत कामगार कांग्रेस (इंटक) के मुख्य महासचिव दत्तात्रय गुट्टे, महाराष्ट्र राज्य स्वाभिमानी विद्युत वर्कर्स युनियन के अध्यक्ष पी. बी. उके व तांत्रिक कामगार युनियन के महासचिव प्रभाकर लहाने के नेतृत्वतले शहर सहित जिले के सभी विद्युत अभियंता, अधिकारी व कर्मचारी बडी संख्या में शामिल हुए थे.





