आनंद काले के सभी प्राथमिक आक्षेप हुए रद्द
अब 1 अक्तूबर की सुनवाई में सकता है फैसला

* जिला बैंक के संचालक काले पर लटक रही अपात्रता की तलवार
* विपक्षी संचालकों ने आर्थिक अनियमितता को लेकर दायर की है अपील
अमरावती/दि.18 – स्थानीय जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक आनंद काले को संचालक पद से अपात्र घोषित करने की मांग को लेकर बैंक के विपक्षी संचालय हरिभाऊ मोहोड व उनके सहयोगियों द्वारा दायर अपील पर कल बुधवार 17 सितंबर को एक बार फिर विभागीय सहनिबंधक गौतम वर्धन की कचहरी में सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनते हुए अपने निष्कर्ष पर पहुंचकर विभागीय सहनिबंधक गौतम वर्धन ने जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के सत्ता पक्ष से जुडे संचालक आनंद काले के सभी प्राथमिक आक्षेपों को खारिज कर दिया. साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई 1 अक्तूबर को सुबह 11.30 बजे से शुरु करने का आदेश जारी किया. जिसके लिए दोनों पक्षों को अपने लिखित जवाब एवं आवश्यक दस्तावेजों के साथ विभागीय सहनिबंधक कार्यालय में उपस्थित रहने हेतु कहा गया है. जिसके चलते अब इस मामले की अगली सुनवाई की ओर पूरे सहकार क्षेत्र की निगाहें लगी हुई है.
बता दें कि, बैंक के संचालक हरिभाऊ मोहोड सहित कुल 12 विपक्षी संचालकों द्वारा अपनी अपील में आरोप लगाया गया है कि, सत्ताधारी पक्ष से वास्ता रखनेवाले बैंक के संचालक आनंद काले द्वारा लगातार बैंक के हितों खिलाफ अपनी मनमर्जी से काम किया जा रहा है. साथ ही संचालक आनंद काले ने नियमों का उल्लंघन कर यात्रा भत्ते के नाम पर बैंक की रकम का जमकर अपहार भी किया है. जिसके चलते बैंक के संचालक मंडल की सभा में संचालक आनंद काले से 1 लाख 72 हजार 855 रुपए वसूल करने का प्रस्ताव भी पारित हुआ है और यह रकम संचालक आनंद काले द्वारा एक माह के भीतर अदा की जानी थी अन्यथा वे महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई हेतु पात्र साबित होते है. जिसके चलते रकम अदा नहीं करनेवाले संचालक आनंद काले के खिलाफ 30 जून 2025 को शोकॉज नोटिस भी जारी की गई थी. इन्हीं तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए विपक्षी संचालक हरिभाऊ मोहोड सहित कुल 12 संचालकों ने आनंद काले के खिलाफ अविश्वास प्रदर्शित करते हुए उन्हें संचालक पद से अपात्र घोषित किए जाने हेतु हाईकोर्ट में अपील दायर करने के साथ-साथ विभागीय सहनिबंधक के समक्ष भी अपील दायर की थी. जिसमें से विभागीय सहनिबंधक के समक्ष विगत दो माह से लगातार सुनवाई चल रही थी, जहां पर संचालक आनंद काले ने अपने खिलाफ दायर अपील को लेकर कुछ प्राथमिक आक्षेप दर्ज कराए थे और इस अपील को खारिज किए जाने की मांग की थी. परंतु दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद विभागीय सहनिबंधक ने आनंद काले के युक्तिवाद को अमान्य करार देते हुए उनके प्राथमिक आक्षेप संबंधी आवेदन को नामंजूर कर दिया. साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई 1 अक्तूबर को करने का आदेश जारी किया. ऐसे में माना जा रहा है कि, संभवत: आगामी 1 अक्तूबर को होनेवाली सुनवाई के दौरान विभागीय सहनिबंधक द्वारा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक आनंद काले की अपात्रता को लेकर कोई आदेश जारी किया जा सकता है. जिसकी ओर पूरे सहकार क्षेत्र की निगाहें लगी हुई है.





