शिंदे के साथ हर जगह गठबंधन, अजित पवार के खिलाफ अलग रणनीति
मनपा चुनाव का ऐलान होते ही फडणवीस के बड़े संकेत

मुंबई/दि.15 – महाराष्ट्र में लंबे समय से प्रतीक्षित महानगरपालिका चुनावों का बिगुल आखिरकार बज चुका है. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कार्यक्रम घोषित किए जाने के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. 15 जनवरी 2026 को राज्य की 27 अवधि समाप्त महानगरपालिकाओं और नवगठित जालना व इचलकरंजी महानगरपालिका में मतदान होगा, जबकि 16 जनवरी 2026 को मतगणना कर परिणाम घोषित किए जाएंगे.
कई वर्षों से महानगरपालिकाओं में प्रशासक राज होने के कारण नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. अब चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है और राज्य में चुनावी रणधुमाल शुरू हो गया है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मनपा चुनाव को लेकर गठबंधन और मुकाबलों की तस्वीर साफ कर दी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी. फडणवीस ने कहा कि यदि इन शहरों में दोनों दल एक साथ चुनाव लड़ते हैं, तो उसका लाभ विरोधियों को हो सकता है. इसी रणनीतिक सोच के तहत पुणे क्षेत्र में अलग-अलग चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया है.
दूसरी ओर, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे और मुंबई महानगरपालिका जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्रों में महायुति एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी, यह भी मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया. फडणवीस ने भरोसा जताया कि भले ही मुंबई में दोनों ठाकरे भाई एक साथ आएं या कांग्रेस उनका समर्थन करे, फिर भी मुंबईकर महायुति के साथ खड़े रहेंगे. मुख्यमंत्री ने यह भी संकेत दिए कि राज्य की अधिकांश महानगरपालिकाओं में शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा मिलकर चुनाव लड़ेंगी.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में नगरपालिका और नगर परिषद चुनावों में दोनों दल आमने-सामने थे और तीखी बयानबाज़ी भी देखने को मिली थी. हालांकि, मनपा चुनावों को देखते हुए अब दोनों दलों ने मतभेद भुलाकर एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है. मनपा चुनावों को 2026 के राजनीतिक परिदृश्य की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है. ऐसे में महायुति बनाम महाविकास आघाड़ी के साथ-साथ कई शहरों में स्थानीय स्तर पर कड़े मुकाबले देखने को मिलने की पूरी संभावना है.





