पहले ही रेस्टॉरेंट की दरें सर्वाधिक, फिर सेवा शुल्क क्यों ?

हाईकोर्ट का सवाल

दिल्ली/ दि. 23 – दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को होटल और रेस्टॉरेंट असो. से पूछा कि अनुभव के बहाने ग्राहकों से आप एमआरपी की तुलना में अधिक शुल्क लेते हैं, फिर सेवा शुल्क क्यों लिया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि रेस्टॉरेंट तीन स्तरों पर शुल्क वसूलता है- खाद्य पदार्थ की कीमत, होटल का वातावरण और सर्विस. मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्याय मूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने स्पष्ट कहा कि वातावरण प्रदान करने के बहाने वसूले जाते पैसे में रेस्टॉरेंट की सेवा भी आ जानी चाहिए. अलग से सर्विस चार्ज नहीं लिया जाएं.
खंडपीठ के सामने एकलपीठ के निर्णय को रेस्टॉरेंट संगठन ने चुनौती दी थी. उस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि मेनू में 20 रूपए की पानी की बोतल हेतु 100 रूपए लिखते है, यह क्यों नहीं कहते कि, वातावरण के लिए 80 रूपए लिए जा रहे हैं. यह सिस्टम उचित नहीं.

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