अमरावती जिले में एचआईवी बाधित मरिजों की संख्या में आई कमी

जांच व उपचार सुविधा का व्यापक विस्तार

* विविध संस्था के कार्यों के कारण सफलता
अमरावती/दि.1 – अमरावती जिले में एचआईवी प्रतिबंध व नियंत्रण के लिए चलाए जानेवाले सर्वसमावेशक उपक्रमों को सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं. चालू वित्तियवर्ष में एचआईवी बाधित मरीजों की संख्या में काफी कमी पायी गई है, ऐसी जानकारी जिला एडस प्रतिबंध व नियंत्रण कक्ष के जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय एकनाथराव साखरे ने दी.
जिले में एचआईवी जांच के लिए विस्तृत वैद्यकिय सुविधा उपलब्ध है. एक निजी वैद्यकिय महाविद्यालय, जिला सामान्य अस्पताल, डफरीन, सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल समेत पांच उपजिला अस्पताल, नौ ग्रामीण अस्पताल, 60 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 72 निजी अस्पताल में निशुल्क एचआईवी जांच की सुविधा है. इसी तरह सरकारी रक्तपेढी 2 और निजी रक्तपेढी 6 ऐसे कुल 8 रक्तपेढी कार्यरत हैं. अप्रैल 2025 से अक्तूबर 2025 की कालावधि में कुल 94 हजार 830 नागरिकों की एचआईवी जांच की गई. पिछले वर्ष इसी कालावधि में यह संख्या 1 लाख 40 हजार 476 थी. इसमें से चालू वर्ष में 146 व्यक्तियों में एचआईवी संक्रमण पाया गया. पिछले वर्ष यह संख्या 176 थी. संक्रमित सभी व्यक्तियों पर जिला अस्पताल व डॉ. पंजाबराव देशमुख वैद्यकिय महाविद्यालय के एआरटी केंद्र से उपचार शुरू किया गया है.

गर्भवती माताओं की जांच में भी कमी
जिले में अब तक 36 हजार 866 गर्भवती माताओं की एचआईवी जांच की गई हैं. इसमें से 7 माता संक्रमित पायी गई. पिछले वर्ष यह संख्या 5 थी. सभी माताओं को आवश्यक जांच, समुपदेशन व नियमित उपचार उपलब्ध कर दिया गया है. चालू वर्ष में जिले में व अन्य जिलों के मिलाकर 13 एचआईवी संक्रमित माता की सुरक्षित व सफल प्रसूति किए जाने की जानकारी भी साखरे ने दी. क्षयरोग जांच शत प्रतिशत जिले के सभी एचआईवी संक्रिमत व्यक्तियों की तथा समुपदेशन के दौरान संदिग्ध पाए जानेवाले मरीजों की क्षयरोग जांच शत प्रतिशत की गई हैं. जिले के एआरटी केंद्र में शुरूआत से 7750 संक्रमित रहने की बात दर्ज हैं. इसमें से 5 हजार मरीज नियमित उपचार ले रहे है.

* जोखीम समूह के लिए संगठनों का कार्य महत्व का
उच्च जोखीम वाले समूहों के लिए विभिन्न संगठनों के माध्यम से लगातार समुपदेशन, जांच व सूचनात्मक गतिविधियां लगातार की जाती है. जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि संगठन यौन कर्मियों, ट्रांसजेंडरो, पुरूषों के साथ यौन संबंध रखनेवाले पुरूषों, प्रवासी श्रमिकों, ट्रक ड्राईवरों आदि समुहों को सेवाए प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. शैक्षणिक संस्थानों में रेड रिबन क्लब, जिले के विद्यापीठ, महाविद्यालय और तकनीकी शिक्षा संस्थानों के माध्यम से 83 अनुदानित और 56 गैर अनुदानित महाविद्यालय में रेड रिबन क्लब काम कर रहे हैं. साथ ही लिंक वर्कर कार्यक्रम के तहत 100 गांव में रेड रिबन क्लब स्थापित किए गए है. इसके माध्यम से रक्तदान शिविर, जागरूकता रैली, पथनाट्य, स्पर्धा व समुपदेशन कार्यक्रम चलाए जाते हैं. एक से 31 दिसंबर के दौरान जिले में एड्स माह मनाया जा रहा हैं और विविध जागरूकता उपक्रमों का आयोजन किया जानेवाला हैं.

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