अमरावती मनपा के सफाई ठेके का मामला फिर लटका

कर्नाटक की पी. गोपीनाथ रेड्डी कंपनी पहुंची हाईकोर्ट

* प्रतिस्पर्धी दोनों कंपनियों कोणार्क व अर्बन एनवायरो के अपात्र रहने का किया दावा
* हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सफाई ठेके की निविदा प्रक्रिया को रोकने की उठाई मांग
* मनपा में फाईनेंशियल बीड के बाद कोणार्क कंपनी साबित हुई थी ‘एल-1’
* वर्क ऑर्डर जारी होने से पहले ही हाईकोर्ट पहुंच गया मामला
* अब मनपा को दो सप्ताह के भीतर पेश करना होगा अपना जवाब
* हाईकोर्ट के फैसले पर निर्भर रहेगा मनपा के सफाई ठेके का भविष्य
* पी. गोपीनाथ रेड्डी कंपनी भी थी निविदा प्रक्रिया में दावेदार
* फाईनेंशियल बिड के बाद रेड्डी कंपनी हुई थी रेस से बाहर
अमरावती/दि.17 – अमरावती महानगर पालिका की बहुप्रतीक्षित सफाई ठेका प्रक्रिया एक बार फिर कानूनी उलझनों में फँस गई है, क्योंकि इस निविदा प्रक्रिया में शामिल रही कर्नाटक की पी. गोपीनाथ रेड्डी कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर कर यह दावा किया है कि सफाई ठेके की प्रतिस्पर्धा में शामिल कोणार्क इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा अर्बन एनवायरो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नामक दो प्रमुख कंपनियां निविदा प्रक्रिया की पात्रता संबंधी शर्तों पर खरी नहीं उतरतीं. इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने अदालत से निविदा प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है. जिसके चलते यह मामला एक बार फिर कुछ हद तक लंबा लटकता नजर आ रहा है. क्योंकि अदालत ने अमरावती मनपा को इस मामले में आगामी दो सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने हेतु कहा है. ऐसे में जब तक इस याचिका पर अदालत की ओर से कोई स्पष्ट दिशानिर्देश जारी नहीं होते, तब तक फाईनेंशियल बिड के पश्चात सबसे कम बोली रहनेवाली निविदाधारक कंपनी के नाम वर्क ऑर्डर भी जारी नहीं हो सकता.
बता दें कि, अमरावती मनपा ने शहर की सफाई व्यवस्था के लिए बड़े पैमाने पर ठेका जारी किया था, जिसे लेकर कई कंपनियों ने भागीदारी की. प्रारंभिक तकनीकी मूल्यांकन के बाद तीन कंपनियाँ प्रमुख दावेदार के रूप में मैदान में बची थीं, जिनमें कोणार्क इन्फ्रास्ट्रक्चर, अर्बन एनवायरो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट व पी. गोपीनाथ रेड्डी नामक तीन कंपनियों का समावेश था. सफाई ठेके की निविदा प्रक्रिया के अंतिम चरण में फाइनेंशियल बिड खुलने पर कोणार्क कंपनी सबसे कम बोलीदाता (एल-1) साबित हुई थी. नियमों के अनुसार मनपा द्वारा कोणार्क को वर्क ऑर्डर जारी करने की प्रक्रिया आगे बढ़ रही थी, लेकिन उससे पहले ही पी. गोपीनाथ रेड्डी कंपनी ने अपनी प्रतिस्पर्धा में रहनेवाली अन्य दोनों कंपनियों की पात्रता पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट की शरण लेते हुए याचिका दायर की थी. पी. गोपीनाथ रेड्डी कंपनी ने अपनी याचिका में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कोणार्क इन्फ्रास्ट्रक्चर और अर्बन एनवायरो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को पात्र घोषित करना नियमों के विरुद्ध है. साथ ही याचिकाकर्ता का दावा है कि दोनों कंपनियों की तकनीकी पात्रता संदिग्ध है, उन्होंने निविदा में आवश्यक दस्तावेज़ एवं अनुभव मानक पूर्ण नहीं किए और मनपा ने इन कंपनियों को गलत तरीके से पात्रता प्रदान की. कंपनी का कहना है कि यदि पात्रता मानदंडों का सही मूल्यांकन किया जाता, तो दोनों कंपनियाँ रेस से बाहर रहतीं और निविदा प्रक्रिया का परिणाम अलग होता.
पी. गोपीनाथ रेड्डी कंपनी द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट में हुई प्रारंभिक सुनवाई में न्यायालय ने अमरावती मनपा को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर याचिका का उत्तर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. मनपा को यह स्पष्ट करना होगा कि कोणार्क और अर्बन एनवायरो को पात्र कैसे घोषित किया गया और क्या उनकी पात्रता प्रक्रिया नियमों के अनुरूप थी. याचिका लंबित रहने के दौरान मनपा द्वारा कोणार्क कंपनी को वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया जा सकता. इस कारण सफाई ठेका फिलहाल ठप है और इसकी अंतिम स्थिति पूरी तरह हाईकोर्ट के निर्णय पर निर्भर कर गई है.
यह भी उल्लेखनीय है कि पी. गोपीनाथ रेड्डी कंपनी स्वयं भी निविदा की दावेदार थी, लेकिन फाइनेंशियल बिड के खुलने के बाद वह प्रतिस्पर्धा से बाहर हो गई थी. इसके बावजूद उसने निविदा प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठाकर मामला अदालत तक पहुँचा दिया. ध्यान दिला दें कि, अब इस मामले का शहर की सफाई व्यवस्था पर असर होगा. अमरावती महानगर पालिका पिछले कुछ समय से सफाई व्यवस्था को लेकर दबाव में है. नए ठेके में देरी से सफाई तंत्र पर अतिरिक्त बोझ बढ़ सकता है, अस्थायी सफाई प्रबंधन पर अधिक खर्च होने की संभावना है और नागरिकों को स्वच्छता सेवाओं में कमी का सामना करना पड़ सकता है.
वहीं दूसरी ओर अब इस मामले में अगली सुनवाई निर्णायक साबित होगी, क्योंकि हाईकोर्ट में अगली सुनवाई से यह तय होगा कि, क्या निविदा प्रक्रिया पुनः शुरू होगी, क्या कोणार्क पात्र मानी जाएगी, या पूरी प्रक्रिया ही रद्द कर नई निविदा आमंत्रित की जाएगी. मनपा का जवाब आने के बाद कोर्ट का रुख साफ हो जाएगा.

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