ग्रीष्मकाल में स्कूलों को पूर्ण समय शुरु रखना हानीकारक
सभी स्कूलें सुबह के सत्र में चलाने की मांग
* प्राथमिक शिक्षा समिति का निर्णय
अमरावती/दि.26 – शालेय शिक्षा विभाग ने राज्य की सभी स्कूलें संपूर्ण क्षमता व शत प्रतिशत उपस्थिति के साथ शुरु करने के आदेश जारी किये है. शनिवार को पूर्ण समय व रविवार को ऐच्छिक रुप से स्कूलें खोलने के आदेश दिये गये है. लेकिन ग्रीष्मकाल में बढते तापमान, गर्मी व स्कूलों में विभिन्न असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए संबंधित आदेश में बदलाव करने की मांग प्राथमिक शिक्षा समिति के राज्य सचिव विजय कोंबे, राज्याध्यक्ष उदय शिंदे ने शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड सहित शिक्षा संचालक दिनकर टेमकर, शिक्षा आयुक्त सुरज मांढरे से की है.
कोरोना काल में छात्रों को हुआ शैक्षणिक नुकसान की भरपाई करने के लिए कक्षा पहलीं से नववीं तथा 11वीं की कक्षाएं अप्रैल महीने में पूर्ण समय शुरु रखने के आदेश शिक्षा विभाग ने जारी कर छात्रों की परीक्षाएं अप्रैल के तीसरे हफ्ते में लेने के निर्देश दिये. लेकिन कोरोना काल में शिक्षकों ने प्रतिबंधात्मक कर्तत्व का निर्वहन करते हुए छात्रों के शिक्षा पर भी पूरी जिम्मेदारी से ध्यान दिया. हर वर्ष मराठवाडा, खानदेश व विदर्भ में ग्रीष्मलहर तथा पानी की कमी को ध्यान में रखकर स्कूलें सुबह के सत्र में ली जाती है. वर्तमान में धूप का पारा बढ गया है. ऐसे में स्कूलों को दिनभर शुरु रखना हानीकारक रहने से स्कूलों का समय सुबह के सत्र में रखने की मांग शिक्षक समिति की है.
* प्रशिक्षण व अन्य काम रोके
माध्यमिक विभाग से किसी भी तरह का संबंध नहीं रहने के बावजूद भी स्थानीय निकाय संस्थाओं के प्राथमिक स्कूलों पर कार्यरत शिक्षकों को परिरक्षकों के सहायक के रुप में नियुक्त किया जाता है. परीक्षा के काल में शिक्षकों को अन्य कामों पर नियुक्त करने से इसका विपरित असर अध्ययन पर पडता है. इसलिए शिक्षकों को प्रशिक्षण व अन्य कामों पर नियुक्त नहीं किया जाए, यह मांग भी शिक्षक समिति के राजेश सावरकर ने की.