अमरावती

जप में राजनीतिक दबाव के चलते डेढ करोड की ई-निविदा रद्द!

इंटर एक्टीव फाइनल की खरीदी प्रक्रिया रुकी

अमरावती/दि.24 – जिला परिषद का शालाओं में 51 इंटर एक्टीव पैनल की आपूर्ति करने हेतु चलाई जा रही ई-निविदा को रद्द करने के लिए राजनीतिक दबाव बढ गया है. टेक्निकल व फायनांशिय बीड खुलने के बाद भी सबसे कम कीमत का प्रस्ताव देने वाली निविदाधारक कंपनी को कार्यारंभ आदेश न दिया जाए. इस हेतु शिक्षा विभाग में जमकर तांडव चल रहा है. वहीं दूसरी ओर ई-निविदा प्रक्रिया को जेम पोर्टल पर चलाया गया था. जिसके चलते इस निविदा को रद्द नहीं किया जा सकता. ऐसे में अब शिक्षा विभाग राजनीतिक व प्रशासनिक तौर पर धर्म संकट में फंस गया है.
राज्य सरकार की कौशल्य विकास योजना के अंतर्गत जिला परिषद शालाओं में इंटर एक्टीव पैनल की आपूर्ति करने हेतु 1 करोड 53 लाख रुपयों की निधि प्राप्त हुई है. जिसके तहत 3 लाख रुपए प्रति पैनल के हिसाब से 51 इंटर एक्टीव पैनल खरीदना प्रस्तावित था. इसके अनुसार जिला परिषद के शिक्षा विभाग ने केंद्र सरकार के जेम पोर्टल पर 27 अप्रैल 2023 को ई-निविदा प्रक्रिया चलाई. जिसमें कुल 18 कंपनियों ने सहभाग लिया था. जिसमें से तमाम नियमों व शर्तों के अनुसार 12 मई 2023 को अमरावती स्थित टेक्नोसंकल्प सोल्यूशन नामक कंपनी की सबसे कम यानि 81 लाख 82 हजार 950 रुपयों की ई-निविदा को मान्यता प्रदान की गई. परंतु इस ई-निविदा प्रकिया को रद्द करते हुए नये सिरे से ई-निविदा प्रक्रिया चलाने हेतु जिला परिषद में राजनीतिक दबाव तंत्र का प्रयोग किया जा रहा है. परंतु जेम पोर्टल के जरिए चलाई गई ई-निविदा को रद्द नहीं किया जा सकता. ऐसे में अब शिक्षा विभाग धर्म संकट में फंसा नजर आ रहा है. वहीं इस तमाम धमाचौकडी के चलते इंटर एक्टीव पैनल की खरीदी प्रक्रिया अधर में लटकी पडी है, क्योंकि निविदाधारक एजेंसी को अब तक कार्यारंभ आदेश नहीं दिया गया है.

* आधी कीमत में आपूर्ति, सरकार का पैसा बचेगा
65 इंची इंटर एक्टीव पैनल के साथ डिजिटल ई-लर्निंग सॉफ्टवेअर, की-बोर्ड, माउस व युपीएस सहित पूरा साहित्य की आपूर्ति हेतु टेक्नो संकल्प सोल्यूशन्स ने 1 लाख 60 हजार 450 रुपए प्रति पैनल की दर से साहित्य आपूर्ति की तैयारी दर्शायी. यह सबसे कम यानि एल-1 (लोएस्ट वन) प्रस्ताव रहने के चलते इसे मंजूर किया गया. परंतु इस साहित्य के लिए 3 लाख रुपए का खर्च प्रस्तावित था और जो केवल आधी कीमत में मिल रहा है, उसे केवल अपने फायदे के लिए राजनीतिक दबाव के चलते रोका जा रहा और यहीं वजह है कि, शिक्षा विभाग ने अब तक संबंधित कंपनी को कार्यारंभ आदेश नहीं दिया है.

* हमने निधि लाई, उस पर हमारा अधिकार
राज्य सरकार से हमने निधि खिंचकर लाई. ऐसे मेें इस निधि को कहां व कैसे खर्च करना है और किस एजेंसी को काम सौंपना है. यह अधिकार भी हमारा होना चाहिए. कुछ इस आशय के सुर जिला परिषद में राजनीतिक दबदबा रखने वाले ‘दादा’ के है. वहीं सूत्रों के जरिए पता चला है कि, विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगती में मील का पत्थर साबित हो सकने वाली इंटर एक्टीव पैनल की खरीदी मेें कमिशनबाजी आडे आ रही है. यहीं वजह है कि, नियमानुसार ई-निविदा प्रक्रिया चलाने के बावजूद जिला परिषद का शिक्षा विभाग खरीदी का कार्यारंभ आदेश देने में विलंब कर रहा है.

* इंटर एक्टीव पैनल की खरीदी के लिए टेक्नीकल व फायनांशियल बीड ओपन हो गई है. जिसके बाद एल-1 रहने वाली एजेंसी के दस्तावेजों की जांच पडताल व पूर्तता भी हो गई है. परंतु अब तक खरीदी शुरु करने हेतु कार्यारंभ आदेश नहीं दिए गए है. बल्कि इस संदर्भ में वरिष्ठाधिकारियों से आवश्यक विचार-विमर्श करते हुए निर्णय लिया जाएगा.
– प्रिया देशमुख,
शिक्षाधिकारी,
जिप, अमरावती

* निविदा प्रक्रिया में हमारी एजेंसी प्राप्त रहने के चलते निविदा खुलने के बाद हमने सभी दस्तावेजों की पूर्तता की. तकनीकी तौर पर हमारी निविदा मंजूर रहने के बावजूद हमे खरीदी का कार्यारंभ आदेश देने में टालमटोल की जा रही है. वहीं अब पता चला है कि, इस ई-निविदा प्रक्रिया को रद्द करने का प्रयास भी चल रहा है. यदि ऐसा होता है, तो यह काफी अन्यायकारक बात होगी. हमने बेहद वाजिब दरों पर इंटर एक्टीव पैनल की आपूर्ति करने का प्रस्ताव दिया था. जिससे सरकार व प्रशासन के पैसे भी बचते. लेकिन इसके बावजूद भी कार्यारंभ आदेश का जारी नहीं होना आश्चर्य पैदा करता है.
– संदीप पांडे,
संचालक, टेक्नोसंकल्प सोल्यूशन्स,
अमरावती

 

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