राष्ट्रसंत के समाधी स्थल को मिले ‘अ’ वर्ग तीर्थक्षेत्र का दर्जा
वन व सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की आग्रही भूमिका
* ग्राम विकास मंत्री गिरीश महाजन से की विस्तृत चर्चा
अमरावती/दि.26- समाज में राष्ट्र भक्ति जागृत करते हुए अंधश्रद्धा व जातिभेद का निर्मूलन करने एवं ग्राम विकास का महत्व समझाकर देने के लिए भजन व कीर्तन का प्रभावी रुप से प्रयोग करने वाले राष्ट्र संत तुकडोजी महाराज के अमरावती जिले में गुरुकुंज मोझरी स्थित समाधी स्थल को ‘अ’ वर्ग तीर्थक्षेत्र का दर्जा मिलना चाहिए. इस आशय की आग्रही भूमिका अपनाते हुए राज्य के सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने ग्राम विकास मंत्री गिरीश महाजन के साथ विस्तृत चर्चा की.
इस संदर्भ में मंत्री मुनगंटीवार द्बारा मंत्री महाजन को लिखे गए पत्र में कहा गया कि, आत्मसंयमन के विचार को ग्राम गीता के जरिए प्रस्तुत करने वाले राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ने वर्ष 1936 में गुरुकुंज आश्रम की मोझरी में स्थापना की थी. महाराज के निर्वाण पश्चात इसी आश्रम से उनके विचारों को आज भी पूरी दुनिया तक पहुंचाने का काम अविरत शुरु है. गुरुदेव सेवा मंडल द्बारा संचालित गुुरुकुंज मोझरी स्थित गुरुदेव सेवाश्रम यह केवल एक वास्तु नहीं है. बल्कि यह एक प्रेरणा केंद्र व उर्जा स्त्रोत है. ऐसे में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के इस समाधी स्थल को ‘अ’ वर्ग तीर्थक्षेत्र का दर्जा मिलना चाहिए. ऐसी सभी गुरुदेव भक्तों व राष्ट्रीय विचारधारा वाले व्यक्ति की मांग है.
इस पत्र में यह भी कहा गया है कि, गुरुकुंज मोझरी में प्रतिवर्ष पूरी दुनिया से लाखों भाविक भेंट देते है और महाराज के विचारों को पूरी दुनिया में प्रसारित करते है. ऐसे में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के कार्य को आगे लेकर चलने वाले गुरुदेव सेवा मंडल के साथ सरकार को हर तरह से मौजूद रहने की जरुरत है. चूंकि इस समय आजादी का अमृत काल चल रहा है और देश को स्वाधीनता संग्राम ने ही राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज का अतुलनीय योगदान रहा. यह बात को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज प्रेरणास्थल को ‘अ’ वर्ग तीर्थक्षेत्र घोषित करने के संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए. इसका निवेदन भी मंत्री सुधिर मुनगंटीवार द्बारा किया गया.
* गुरुकुंज मोझरी स्थित राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज का समाधी स्थल पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायी है. महाराज के प्रति आस्था रखने वाले भाविक श्रद्धालु देश सहित पूरी दुनिया में है. जिसके चलते महाराज के समाधी स्थल को ‘अ’ वर्ग तीर्थक्षेत्र का दर्जा प्रदान करना मौजूदा समय की जरुरत है. जिसके लिए आवश्यक प्रयास शुरु कर दिए गए है.
– सुधीर मुनगंटीवार,
वन व सांस्कृतिक कार्य मंत्री,
महाराष्ट्र राज्य.