अनुसूचित जाति सत्यापन समितियों को बर्खास्त कर नई नीति बनाएं
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जाति प्रमाणपत्र व जाति वैधता पत्र के संदर्भ में
* विधायक रमेश पाटिल ने उठाया प्रश्न
अमरावती/दि.6– कोली महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद विधायक रमेशदादा पाटिल ने कल महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जाति प्रमाण पत्र और जाति वैधता प्रमाण पत्र के संबंध में सदन में एक प्रश्न उठाया. जाति सत्यापन समिति से रिश्वत मांगी जाने पर जनजाति के आम जनता के सवाल पर सदन का ध्यान आकर्षित किया गया था.
कोली महादेव, मल्हार कोली, टोकरे कोली और अनुसूचित जनजाति के समान जनजाति के सदस्यों को शिक्षा, नौकरी और सरकारी योजनाओं के साथ-साथ चुनाव के लिए जाति प्रमाण पत्र और जाति वैधता प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है लेकिन जो अधिकारी सत्यापन समिती में पिछले 10 से 15 वर्षों से एक ही सीट पर बैठे हैं. उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार जब 4 सप्ताह के भीतर जाति वैधता प्रमाण पत्र जारी करना अनिवार्य है, लेकीन वे जानबूझकर और दुर्भावना से समुदाय के सदस्यों को निशाना बना रहे हैं और उनके साथ अन्याय कर रहे हैं. इसी तरह, जाति वैधता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए रिश्वत मांगने के भी मामले सामने आए हैं. इसलिए विधायक रमेशदादा पाटिल ने सदन में प्रश्न उठाया कि क्या कई वर्षों से जाति सत्यापन समिति में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और जाति सत्यापन समितियों को समाप्त कर जाति प्रमाण पत्र और जाति वैधता प्रमाण पत्र बनवाने की नई नीति लायी जाए. इस पर राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह तथ्य सही है और जाति सत्यापन समिति में भ्रष्टाचार है और कहा कि कई वर्षों से एक ही जगह पर बैठे अधिकारियों को बदलने के लिए नई नीति लाई जाएगी. साथ ही जाति सत्यापन समिति में पारदर्शिता लाने के लिए उन्होंने विधायक रमेशदादा पाटिल को आश्वासन दिया कि शीघ्र ही एक वरिष्ठ स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा और उसमें पारदर्शिता लाई जाएगी. कोली महादेव, मल्हार टोकरे कोली और अनुसूचित जनजाति के समान जनजाति को न्याय दिलाया जाएगा.