अमरावती

अब कर्मचारी बन सकेंगे पालक

राज्य के वन विभाग ने दत्तक जंगल की संकल्पना

अमरावती/ दि.23– वन और वन्यजीव को होने वाली परेशानी से छूटकारा पाने के लिए वन विभाग ने वन कर्मचारियों के लिए दत्तक वन की संकल्पना अपनाई है. इसके माध्यम से अब वन कर्मचारी पूरे बीट का पालकत्व स्वीकारकर उस वन को बच्चों की तरह संभालेंगे.
राज्य के प्रधान मुख्य संरक्षक नागपुर ने ‘टॉप टू बॉटम’ के अनुसार सभी प्रकार के जंगल वन कर्मचारी व वन अधिकारी दत्तक लेकर उसे संभाले, उसे बडा करे और उससे समृध्द जंगल निर्माण करे, उसके लिए वन विभाग ने यह संकल्पना अपनाई है. जिसके कारण वन का व वन्य जीव की सही तरीके से सुरक्षा होकर नियोजन करने उसे जरुरत के अनुसार उपाय योजना बनाकर समृध्द करने का यह रास्ता है. इसके लिए राज्य के सभी वन कर्मचारियों को उनके अधिनस्थ संरक्षित, आरक्षित या अविकसित रहने वाले जंगल दत्तक लेना पडेगा.

कैसे रहेगी यह संकल्पना
दत्तक गांव इस संकल्पना पर आधारित यह संकल्पना है. फिर भी वन विभाग ने वन कर्मचारी गांव नहीं बल्कि वन क्षेत्र, रोप वन, वन्य जीव के अधिवास, पक्षियों के अधिवास, अविकसित वन ऐसे वन के स्थल दत्तक लेंगे. पालक के रुप में उन्हें उस क्षेत्र का पूरा नियोजन तेैयार करना पडेगा. उसमें कार्य उपयोजना बना सकते है. उसकी जानकारी तैयार करना पडेगा और उसके अनुसार विकास प्रस्तुत किया जाएगा.

तबादले के बाद कार्यभार हस्तांतरित होगा
दत्तक वन योजना के कर्मचारी का तबादला होने के बाद नए कर्मचारी को य दत्तक वन चार्ज में हस्तांतरित करना होगा. जिसमें दत्तक लिये वन क्षेत्र, बीट कक्ष क्रमांक के अलावा अन्य जानकारी देना होगा, ऐसी नई संकल्पना रहेगी. दत्तक वन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले वन कर्मचारियों को शासन के व्दारा सम्मानित किया जाएगा.

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