अपनी विलपॉवर के दम पर हासिल की जा सकती है हर तरह की सफलता
‘विलपॉवर नाउ’ के लेखक विल हैरीस का कथन
* विलपॉवर ह्युमेनीटेरियन फाउंडेशन के जरिये कोविड काल के बाद जगा रहे आत्मविश्वास
अमरावती/दि.29– तेजी से बदलती दुनिया, लगातार बढती आपाधापी की वजह से पहले ही दुनिया में निराशा व अवसाद का प्रमाण काफी अधिक बढ गया था. वहीं कोविड की संक्रामक महामारी और इसे लेकर लंबे समय तक लागू रहे प्रतिबंधों ने पूरी दुनिया के लोगों को एक तरह से तोडकर रख दिया. ऐसे में विलपॉवर ह्युमेनीटेरियन फाउंडेशन ने कोविड काल के बाद पूरे आत्मविश्वास के साथ जीवन बिताने और नई उर्जा के साथ सफल होने के रहस्यों को खोज निकाला है. जिन्हें आज पूरी दुनिया के सामने रखा जा रहा है, ताकि पूरी दुनिया एक बार फिर अपनी पूरी उर्जा व जोश के साथ जीवन-यापन कर सके. इस आशय का प्रतिपादन विलपॉवर ह्युमेनीटेरियन फाउंडेशन के संस्थापक तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट सेलर रही किताब विलपॉवर नाउ के लेखक विल हैरिस द्वारा किया गया.
मूलत: अमरीका निवासी विल हैरिस इन दिनों अपने फाउंडेशन के कामों का प्रसार करने हेतु अमरावती में है और अपने इस दौरे के तहत उन्होंने आज जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कंपाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में एक पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए विलपॉवर ह्युमेनीटेरियन फाउंडेशन द्वारा किये जा रहे कामों की विस्तार के साथ जानकारी दी. जिसमें उन्होंने बताया कि, वे विगत लंबे समय से पर्सनालीटी डेवलपमेंट और मोटीवेशनल स्पिकिंग के क्षेत्र में कार्यरत है और उन्होंने अपने प्रदीर्घ अनुभव व गहन अध्ययन के जरिये अपने विलपॉवर यानी इच्छाशक्ति को उंचा उठाये रखने के कई रहस्य खोज निकाले है, जो कोविड संक्रमण काल के बाद आनंदित व सफल जीवन जीने के लिए काफी प्रासंगिक है. साथ ही उन्होंने यह भी बता कि, वे अपने फाउंडेशन के जरिये भारत के अलग-अलग शहरों में विगत करीब आठ वर्षों से कार्य कर रहे है. जिनमें अमरावती भी शामिल है. जहां पर विलपॉवर वॉरियर्स के रूप में सैंकडों-हजारों स्वयंसेवी कार्यकर्ता काम करते है. जिनके जरिये विलपॉवर ह्युमेनीटेरियन फाउंडेशन की ओर से सफल जीवन बिताने हेतु दिये जानेवाले संदेशों को अनेकोें लोगोें तक पहुंचाया जाता है, ताकि सामुदायिक स्तर पर सफलता व प्रसन्नता को पहुंचाया जा सके.
इस पत्रवार्ता में विल हैरिस ने यह भी कहा कि, वे राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के विचारों से बेहद प्रभावित है और उन्होंने ग्रामगीता का अध्ययन करने के साथ ही इस किताब का अमरीका में काफी प्रचार भी किया है. जिसकी वजह से आज अमरीका में ग्रामगीता के साथ ही राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के विचारों को माननेवाले लोगों की संख्या बढी है. उन्होंने यह भी कहा कि, वे प्रतिवर्ष राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की जयंती एवं पुण्यतिथी अवसर पर गुरूकूंज मोझरी जरूर आते है. जहां पर वे राष्ट्रसंत की स्मृतियों का अभिवादन करते है. इसके साथ ही वे अपनी अमरावती यात्रा के दौरान यहां के विलपॉवर वॉरियर्स से प्रत्यक्ष मुलाकात करते हुए यहां पर कई सामाजिक कामोें में अपना योगदान भी देते है. जिसके तहत हाल ही में उन्होंने विलपॉवर अनाथालय का भुमिपूजन भी किया. इस पत्रवार्ता में विल हैरिस ने यह भी बताया कि, पहले वे अकेले ही अमरावती व गुरूकूंज आश्रम आया करते थे. लेकिन अब धीरे-धीरे उनके साथ अमरीका में रहनेवाले कई लोग अमरावती आना पसंद करते है. जिसके तहत इस बार उनके साथ ज्योफ ऑफर्ड, जेनस्टॉर्म मैककार्थी, स्टेसी बेन्सन, डॉ. लायमन माँटगोमेरी, रान्स लोफ्टस्गार्ड अमरीका से अमरावती आये है और उन्हें यहां आकर काफी प्रसन्नता भी हुई है. उन्होंने इस बार अमरावती में विलपॉवर ह्युमेनीटेरियन फाउंडेशन की ओर से आयोजीत कुल सात उपक्रमों में हिस्सा लिया. जिनमें सफलता की एबीसी, स्वप्नद्रष्टा, विल पॉवर वॉरियर सम्मेलन, ग्रामगीता परिषद, ड्रीमकैचर इवेंट, विलपॉवर अनाथालय भूूमिपूजन व राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज का जयंती कार्यक्रम का समावेश रहा.
इस पत्रवार्ता में विलपॉवर ह्युमेनीटेरियन फाउंडेशन के स्थानीय पदाधिकारी क्लेसिया क्लेटस्, जयेश चव्हाण, हर्षल काकडे, मंजुषा डाखोरे व तृणाली घारड आदि उपस्थित थे.