अमरावती

खाद व बीजों की कालाबाजारी पर 15 दस्ते रखेंगे नजर

तुवर और कपास के क्षेत्र में वृद्धि

* कृषि विभाग जुट गया तैयारी में
अमरावती/दि.16- जिले में खरीफ का सर्वाधिक क्षेत्र है. इस वर्ष कपास, तुअर, सोयाबीन को गारंटी भाव की अपेक्षा अधिक भाव होने के कारण इन फसलों की कुछ प्रमाण में वृध्दि होने की संभावना है. मूंग व उड़द की फसल प्रति वर्ष ही बारिश के अभाव में बाधित होती है. इस वर्ष भी औसत की अपेक्षा कम बारिश का अनुमान कुछ मौसम विषयक संस्थाओं ने व्यक्त किया है. जिसके कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है. इसी दौरान कृषि विभाग द्वारा बीज और खाद की कालाबाजारी न हो, बीजों की किल्लत महसूस न हो उसी प्रकार नियमबाह्य व नकली बीजों की बिक्री न हो, इसलिए जिला स्तर पर एक व तहसील के 14 इस प्रकार 15 दस्ते तैयार किए जाएंगे. इन पथकों को ऐसी घटनाओं पर नजर रहने की जानकारी कृषि विभाग ने दी है.
एक माह करीब आए खरीफ सीजन के लिए कृषि विभाग काम में जुट गया है. इसमें प्रस्तावित क्षेत्र व उसके लिए लगने वाला रासायनिक खाद और बीजों के लिए नियोजन शुरू है. अबकी बार के खरीफ सीजन के लिए 6.81 लाख हेक्टर औसत क्षेत्र है. तथा इस संदर्भ में विभागीय कृषि विभाग ने जायजा लिया. जिले में इस वर्ष कपास का क्षेत्र पुन: बढूेगा. तुअर को इस वर्ष अच्छे भाव मिलने के कारण तुअर की फसल की भी बुआई बढ़ने की संभावना है. जिले के बडे वितरकों के पास खाद और बीज आने की शुरूआत हो गई है. कृषि विभाग ने खाद और बीज की बिक्री करते समय बोगस बीज किसानों को न मिले, इस बात की सावधानी बरती है. इसके लिए तहसील स्तर पर उसी प्रकार जिला स्तर पर पथक तैयार किए गए हैं. ये पथक जिले के कृषि केंद्रों पर नजर रखेंगे. उसी प्रकार जिले में सोयाबीन फसल की बुआई भी बढेगी. जिले की कुछ तहसीलों में मूंग और उड़द इन फसलों के लिए भी मांग है. किसानों को बीजों की किल्लत महसूस न हो तथा अधिक दरों पर बीजों की बिक्री न की जाए, ऐसी घटना पाए जाने पर संबंधितों पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिए हैं.

शिकायत आने पर होगी कार्रवाई
पिछले वर्ष कुछ बीज अधिक दरों पर बेचे गए. जो बीज अधिक प्रमाण में चलते हैं वे बीज कृषि केंद्र चालक किसानों को पहले देते नहीं, दिए तो उनकी इच्छानुसार दूसरी कंपनी के बीज किसानों द्वारा लिए बिना अच्छे बीज दिए नहीं जाते. ऐसी घटना पिछले वर्ष देखने को मिली. जिसके कारण अब कृषि विभाग ने किसानों द्वारा जो बिज मांगे गए वे ही बीज कृषि केंद्र चालकों ने देना चाहिए, अन्यथा शिकायतें आने पर कृषि केंद्र चालक पर कार्रवाई की जाएगी, ऐसी स्पष्ट सूचना दी गई है. उसी प्रकार रासायनिक खादों की किल्लत निर्माण न हो, इस बात की भी कृषि विभाग द्वारा सावधानी बरती जा रही है. उसी प्रकार बीज खरीदते समय प्रत्येक दूकानदार को अपनी दूकान में भाव फलक लगाना भी अनिवार्य है.

खाद उपलब्ध कराया गया है
अबकी बार के खरीफ सीजन के लिए कृषि विभाग द्वारा 2 लाख 97 हजार 805 मैट्रिक टन रासायनिक खादों की मांग दर्ज करवाई गई है. इनमें 1 लाख 14 हजार 310 मैट्रिक टन खादों की मांग मंजूर की गई है. इसके अलावा पिछले रबी सीजन का 33 हजार 110 मैट्रिक टन खाद शेष है. वर्तमान स्थिति में 45 हजार 47 मैट्रिक टन खाद उपलब्ध है.
* 1.22 लाख क्विंटल बीजों की आवश्यकता
अबकी बार के खरीफ सीजन के लिए 1 लाख 21 हजार 529 क्विंटल बीज लगने की संभावना है. इनमें 64 हजार 131 क्विंटल सार्वजनिक व 57 हजार 318 क्विंटल निजी तौर पर उपलब्ध होंगे. इसके अलावा 61 हजार 509 क्विंटल बीज महाबीज उपलब्ध करवाएगा. अबकी बार सर्वाधिक 1 लाख 5 हजार 250 क्विंटल सोयाबीन बीज लगने की संभावना है. इस संदर्भ में कृषि विभाग काम में जुट गया है.
* फसल निहाय प्रस्तावित क्षेत्र (हेक्टेयर)
सोयाबीन : 55,000
सं. कपास : 2,60,000
तुअर : 1,13,000
मूंग : 7,800
उड़द : 1, 90
ज्वार : 12,000
धान : 7.900

 

 

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