अमरावती /दि.26– शैक्षणिक भौतिक क्रीडा, कला व अन्य आधुनिक सुविधा एवं शिक्षकों का अभाव तथा लगातार घट रही शैक्षणिक गुणवत्ता आदि बातों के चलते जिला परिषद की शालाओं में विद्यार्थियों की पटसंख्या दिनोंदिन घट रही है. जिले में 148 जिप शालाएं ऐसी है, जिनकी पटसंख्या 10 से भी कम है. जिनमें 1 से 3 पटसंख्या वाली 22 तथा 4 से 10 पटसंख्या वाली 127 शालाएं है.
राज्य सरकार द्बारा जिप शालाओं में मिलने वाली नि:शुल्क किताबें, गणवेश, मध्यान्न भोजन, छात्रवृत्ति व नि:शुल्क यात्रा आदि बातों का लाभ लेने की बजाय अपने जेब से पैसे खर्च करते हुए विद्यार्थियों का उज्वल भविष्य बनाने की ओर अभिभावकों का रुझान बढ गया है. जिसके चलते जिप शालाओं मेें विद्यार्थियों की पटसंख्या घट गई है.
बता दें कि, जिले की 14 तहसीलों में जिला परिषद की 1 हजार 586 शालाएं है. जिसमें से 148 शालाओं की पटसंख्या 10 से कम है. वहीं अन्य शालाओं को भी अपेक्षित पटसंख्या प्राप्त करने के लिए एडी चोटी का जोर लगाना पड रहा है. वहीं दूसरी ओर अंग्रेजी माध्यम वाले निजी शालाओं में हाउसफुल्ल वाली स्थिति होती है. जहां पर प्रवेश के लिए प्रतीक्षा सूची लगानी पडती है.
* पटसंख्या घटने की वजहें
जिप शालाओं की इमारतें काफी पुराने व जर्जर हो गई है. कक्षाओं में बैठने की अच्छी व्यवस्था नहीं है. इस तरह की शालाओं में अपने बच्चों को भेजने हेतु अभिभावक इच्छूक नहीं रहते.
* जिप शाला में प्रसाधन गृहों के साथ ही मैदानों की भी कमी है. साथ ही अन्य आवश्यक सुविधाएं भी नहीं होती. जिसके चलते बच्चे का भविष्य उज्वल नहीं रहने की धारणा अभिभावकों के मन में भर जाती है. ऐसे में अभिभावकों का रुझान निजी शालाओं की ओर बढ जाता है.
* जिला परिषद की कुछ शालाओं में पटसंख्या काफी कम है. जिसमें से अधिकांश शालाएं शहरी क्षेत्र के पास गैर आदिवासी क्षेत्र में है. ऐसी शालाओं का प्रमाण मेलघाट में कम है. साथ ही जिप शालाओं में पटसंख्या को बढाने का प्रयास शिक्षा विभाग द्बारा लगातार किया जा रहा है.
* 1 से 10 पटसंख्या रहने वाली तहसीलनिहाय शाला
अंजनगांव सुर्जी 22
दर्यापुर 22
भातकुली 20
अमरावती 13
चांदूर बाजार 11
वरुड 11
नांदगांव खंडे. 09
तिवसा 08
अचलपुर 08
चांदूर रेल्वे 08
चिखलदरा 05
धामणगांव रेल्वे 05
मोर्शी 05
धारणी 01