अमरावती

जिले के 119 गांवों में भीषण जलकिल्लत

चिखलदरा में पानी की समस्या भयावह

* कई गांवों में टैंकर से आपूर्ति, कई स्थानों पर कुओं का अधिग्रहण
अमरावती/दि.13– इस समय मानसून का आगमन होने में है और गर्मी का मौसम बीतकर बारिश शुरु होने में है. लेकिन अमरावती शहर सहित जिले में कई स्थानों पर भीषण जलकिल्लत वाली स्थिति बनी हुई है और लोगों को पानी के लिए इधर से उधर भटकना पड रहा है. महानगरपालिका, जिला परिषद, नगर पंचायत व ग्रामपंचायत जैसे सभी स्थानीय निकाय जलापूर्ति के मामले में नाकाम साबित हुए है. खुद प्रशासकीय आंकडों के मुताबिक जिले के 119 गांवों में जलकिल्लत की समस्या है. 13 गांवों में टैंकरों के जरिए पानी की आपूर्ति करनी पड रही है और 83 स्थानों पर निजी कुओं का अधिग्रहण किया गया है.
विदर्भ का नंदनवन कहे जाते चिखलदरा क्षेत्र में जलकिल्लत की समस्या सबसे भयावह है. वहीं तिवसा व नांदगांव खंडेश्वर में 4 से 5 दिन की आड में तथा अमरावती व बडनेरा में एक-एक दिन के आड में जलापूर्ति की जा रही है. सिंभोरा बांध में पर्याप्त जलसंग्रह रहने के बावजूद भी मुख्य पाईप-लाईन की आयु सीमा खत्म हो जाने के चलते मजीप्रा द्बारा ‘आस्ते कदम’ जलापूर्ति की जा रही है. मुख्य पाइप-लाइन को बदलने के लिए 860.68 करोड रुपए का प्रस्ताव केंद्र सरकार की ओर भेजा गया है. जिसे मंजूरी मिलने की प्रतिक्षा की जा रही है. वहीं इधर अमरावतीवासियों को रात-रात भर जागकर पानी आने की प्रतिक्षा करनी पडती है.

* रंगूबेली में जलजीवन मिशन हुआ फेल
धारणी तहसील अंतर्गत रंगूबेली गांव में केंद्र सरकार की जलजीवन मिशन योजना फेल हो गई है. गांव में कृत्रिम जलापूर्ति का सामना गांववासियों को करना पडा है. अधिकारियों को निवेदन देकर गांववासी थक गए है. लेकिन गांव में जलापूर्ति अब भी कायम है. जिसकी ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा. ऐसे मेें थके-हारे गांववासियों ने इस बार जलकिल्लत की समस्या के बारे में अधिकारियों को कोई जानकारी नहीं दी है.

* तिवसा तहसील के चार गांवों हेतु कुए अधिग्रहित
विगत 2 वर्षों से तिवसा तहसील के लिए जलसंग्रह परिपूर्ण है. जिसके चलते तहसील में कहीं पर भी पानी की किल्लत वाली स्थिति नहीं है. परंतु तहसील के अमदाबाद, सिंदवाडी, दीवानखेड व दापोरी इन चार गांवों के लिए निजी कुओं का अधिग्रहण किया गया है.

* दिपोरी में एक दिन आड पानी
धामणगांव रेल्वे तहसील के दिपोरी गांव में लगातार दूसरे वर्ष ऐन बारिश के मुहाने पर ग्रामीणों को एक दिन की आड में पानी मिल रहा है. साथ ही लोगों को पानी के लिए एक-एक किमी की दूरी भी नापनी पड रही है. 350 की जनसंख्या वाले दिपोरी गांव में प्रतिवर्ष गर्मी के मौसम दरम्यान जलकिल्लत की समस्या देखी जाती है. क्योंकि इस गांव में केवल एक ही कुआ है. जिसका जलस्तर गर्मी के मौसम दरम्यान काफी नीचे चला जाता है और कुए में पानी का प्रमाण काफी घट जाता है.

* अचलपुर तहसील में 5 कुए अधिग्रहित
अचलपुर तहसील के किसी भी गांव में जलकिल्लत की समस्या नहीं है और यह तहसील पूरी तरह से टैंकरमुक्त है. हालांकि ऐहतियात के तौर पर प्रशासन ने किसानों के 5 निजी कुओं को अधिग्रहित किया है. तहसील के 72 ग्रामपंचायतों के 127 राजस्व गांवों में कई स्थानों पर नल योजना है और कुछ स्थानों पर बोअर के जरिए जलापूर्ति की जाती है.

* चिखलदरा के 11 गांवों में 14 टैंकरों से आपूर्ति
यद्यपि चिखलदरा को विदर्भ क्षेत्र का कश्मिर या नंदनवन कहा जाता है और यह क्षेत्र ठंडी हवा वाले स्थान के तौर पर विख्यात है. लेकिन हकीकत यह है कि, हर तरह के मौसम में यहां के स्थानीय निवासियों को बेहद प्रतिकुल हालात का सामना करना पडता है. क्योंकि इस पहाडी क्षेत्र के लगभग सभी गांवों मेें गर्मी के मौसम दरम्यान भीषण जलसंकट रहता है. चिखलदरा तहसील में भूगर्भिय जलस्तर काफी नीचे चले जाने की वजह से लाखों रुपयों की लागत वाली जलापूर्ति योजनाएं मृत पडी है. ऐसे में टैंकर के अलावा अन्य कोई दूसरा पर्याय उपलब्ध नहीं है. जिसके चलते मेलघाट के दुर्गम व अतिदुर्गम गांवों में नादुरुस्त व कच्चे रास्तों से होते हुए टैंकरों के जरिए पानी पहुंचाया जा रहा है. विगत फरवरी माह से ही चिखलदरा तहसील के 11 गांवों का गला सुखा हुआ है.

* मेलघाट के इन गांवों में तीव्र जलकिल्लत
चिखलदरा तहसील के आवागड, खंडुखेडा, पोंगडा, एकझिरा, गौरखेडा बाजार, धरमडोह, आकी, नागापुर, सोमवारखेडा, मोथा, आलाडोह, लवादा, बगदरी, तोरणवाडी, तारुबांधा, रायपुर व खडीमल आदि गांवों में टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है.

* मेलघाट के पानी पर अचलपुर, दर्यापुर व अंजनगांव
जहां एक ओर मेलघाट में भीषण जलकिल्लत की समस्या है, वहीं दूसरी ओर मेलघाट में स्थित शहानूर बांध से अंजनगांव व दर्यापुर तहसील को जलापूर्ति की जाती है. इसके अलावा चंद्रभागा बांध से अचलपुर व परतवाडा शहर तथा सापन बांध से चांदूर बाजार व अचलपुर तहसील के करीब 85 गांवों को जलापूर्ति की जाती है.

* हैंडपंप हुए बेकार, कुएं अधिग्रहित
आदिवासी बस्तियों में हैंडपंप लगभग सूखे पडे है. 400 हैंड पंपों में से 150 हैंड पंपों का गला सूखा पडा है. ऐसे में 500 से अधिक कुओं को अधिग्रहित किया गया है.

* 119 गांवों में जलकिल्लत
13 टैंकरों द्बारा जलापूर्ति
83 कुओं का अधिग्रहण

* अमरावती-बडनेरा में एक दिन आड जलापूर्ति
सिंभोरा बांध से अमरावती के तपोवन स्थित जलशुद्धिकरण केंद्र तक बिछाई गई मुख्य पाईप-लाईन की आयु मर्यादा खत्म हो चुकी है. ऐसे में पूरे शहर को एकसाथ जलापूर्ति नहीं की जा सकती और इस खस्ताहाल पाइप-लाइन को देखते हुए अमरावती व बडनेरा शहर को एक-एक दिन की आड में जलापूर्ति की जा रही है. साथ ही नई पाइप-लाइन के लिए अमृत योजना-2 के अंतर्गत केंद्र सरकार के पास 880 करोड रुपयों का प्रस्ताव भेजा गया है.

* तिवसा शहर में 4 दिन आड पानी
तिवसा शहर की जलापूर्ति योजना काफी पूरानी हो चुकी है और नियोजन गडबडा जाने की वजह से यहां पर 4-4 दिन की आड में जलापूर्ति होती है. साथ ही अपर्याप्त जलसंग्रह को देखते हुए 4 कुओं का अधिग्रहण किया गया है.

* नांदगांव खंडे. में 5 दिन आड पानी
नांदगांव खंडे. शहर की जलापूर्ति योजना में आए दिन कोई न कोई तकनीकी खराबी आती रहती है. साथ ही यहां पर विद्युत आपूर्ति की समस्या भी बनी रहती है. जिसके चलते नांदगांव खंडे. में 5-5 दिन की आड में नलों से पानी छोडा जाता है.

* चिखलदरा तहसील के 9 गांवों में टैंकरों से जलापूर्ति
चिखलदरा व धारणी तहसील में भूजलस्तर काफी घट जाने की वजह से जलस्त्रोत लगभग सूख गए है. ऐसे में 9 गांवों में टैंकरों से जलापूर्ति करनी पड रही है. साथ ही कुछ स्थानों पर कुओं का अधिग्रहण किया गया है.

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