अमरावती

नवरात्री में घटस्थापना जवारे व अखंड ज्योत हमारी आस्था का प्रतिक

प्रतिवर्ष नुसार इस वर्ष भी शहर के प्राचीनतम तथा आस्थित मंदिर गौंडबाबा देवस्थान चैत्र की नवरात्रि का पर्व बडी ध्ाूमधाम से तथा जल्लोष के साथ मनाया जा रहा है। हिन्दू धर्म में चैत्र नवरात्रि का खास महत्व है. इन पूरे ९ दिनों में माँ दुर्गा के अलग-अलग रूपों की भव्य तरीके से पूजा की जाती है. पूरे ९ दिन मां देवी के समर्पित है. नवरात्रि का त्यौहार साल में चार बार मनाया जाता है. लेकिन इनसे सबसे महत्वपूर्ण चैत्र की और शारदीय नवरात्रि होती है. इस बार चैत्र नवरात्रि २ अप्रैल शनिवार के दिन से शुरू हुई जो १० अप्रैल को समाप्त होगी. इन नवरात्रि में भक्त उपवास रखते है.इन दिनों मेंं पूरी श्रध्दा के साथ माँ की आराधना करते है.पहले दिन घटस्थापना व अखंड ज्योत का खास महत्व है. इन दिनों मां का खास वाहन का भी महत्व होता है. हर नवरात्रि में मां अपने अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आगमन करती है. माँ दुर्गा का आनेवाले भविष्य की घटनाओं के बारे में संकेत देता है. इस चैत्र नवरात्रि में मां घोडे पर सवार होकर आयी है. अगर नवरात्रि की शुरूआत रविवार या सोमवार से होती है तो माँ दुर्गा हाथी पर आती है. अगर नवरात्रि की शुरूआत मंगलवार या शनिवार से होती है तो देवी घोडे पर सवार होकर आती है. जब नवरात्रि की शुरूआत गुरूवार या शुक्रवार के दिन से शुरू होती है तो देवी मां डोली में सवार होकर आती है. इस बार चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ शनिवार से हो रहा है.इसलिए इस बार मां घोडे पर सवार होकर आयी है.यदि नवरात्रि बुधवार से शुरू हो रही है तो मां नॉव पर सवार होकर अपने भक्तों के हर कष्ट को हर लेती है. इन ९ दिनों में भी माता के ९ रूपों में पूजा की जाती है तथा इनकी पौराणिक कहानियों के साथ साथ इनकी उपासना की भी विधियां पुराणों में विद्यमान है. मां शैलपुत्री मां ब्रम्हचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुसमांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायानी, मां कालरात्रि, मां महागौरी, मां नवदुर्गा इस वर्ष भी प्रतिवर्षानुसार ९ दिनों तक मां की भोर आरती के साथ साथ संध्या आरती में भी भक्तों का सैलाब उमडता है तथा पुरे ९ दिनों तक मां की स्तुती में भजन कीर्तन शुरू रहते है. इस वर्ष के कार्यक्रम की रूपरेखा इस प्रकार है. २ अप्रैल को घटस्थापना अखंड ज्योत, रोज शाम महिला द्वारा भजन, आरती, पूजापाठ, पंचमी को जवारे की महाआरती की गई है. ९ अप्रैल को दोपहर ४ बजे संगीतमय सुंदरकांड रात ८ बजे जवारे की अष्टमी की महाआरती की जायेगी. १० अप्रैल को रामजी की पूजा व आरती जवारे की दोपहर १ बजे की जायेगी. ४ बजे जवारे कामुंजा नदी पर जल प्रवाहित करेंगे. शाम ७ बजे कन्या पूजन, रात ८ बजे से महाप्रसाद का कार्यक्रम रखा है.
अत: आप सभी धार्मिक बंध्ाुओं से निवेदन है कि आप भी मां की आरधना में सहभागी बने. इन ९ दिनों में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष सभी को योगदान दानवीर परिवार द्वारा रहता है. लेकिन मुख्यत: इनकी मां के प्रति सेवाभाव अनूठी है. जिनमें मुख्यत: डॉ. कविता साहू, किरण सरबेरे, सुषमा साहू, नीता साहू, सरिता साहू, श्यामा अहरवार, मुस्कान गुप्ता, अनिता गुप्ता, रीता साहू, अंशु गुप्ता, रश्मी साहू, कांता गुप्ता, माध्ाुरी उसरेटे, नेहा बसेरिया, निशा सोलंकिया, पायल श्रीवास, नीता गुप्ता, श्वेता गुप्ता, पूनम गुप्ता, पुष्पा साहू, प्रीती साहू, हर्षा सदावर्ती, ममता गुप्ता, मीना कोष्टी, हेमा श्रीवास, कुसुमबाई साहू, राखी साहू, संगीता साहू, रेखा जतारिया, रीता गुप्ता, संगीता जतारिया, शीतल पटेरिया, केसर कोष्टी, शांती साहू, हिना साहू, संजा रोणे, गीता साहू, अंबिका गुप्ता, मीना पटेरिया, चंद्रकलाबाई साहू, आशादेवी गुप्ता, प्राची गुप्ता, दिप्ती साहू, रक्षा गुप्ता, बबली जतारिया, प्रमोदी साहू, रत्ना साहू, गिरा गुप्ता, स्वाती साहू, ज्योती सरवैया, किरण वर्मा, रंजना पांडे आदि.

आपका
सुरेश गुप्ता

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