अमरावतीमहाराष्ट्र

नुकसान कम दिखाने से 11 हजार किसान बीमा से वंचित

बीमा कंपनी के अधिकारियों का कारनामा

* कंपनी ने किया निलंबित
* धामणगांव रेलवे तहसील के किसानों की कंपनी के खिलाफ शिकायत
धामणगांव रेलवे /दि. 13– प्रत्यक्ष किसानों को न मिलते हुए उनके फर्जी हस्ताक्षर कर रिलायन्स बीमा कंपनी के अधिकारियों ने मनमाने तरीके से रिपोर्ट तैयार की. इस रिपोर्ट में प्रत्यक्ष नुकसान से कम फसलों का नुकसान दिया गया. इस कारण करीबन 11 हजार किसान फसल बीमा से वंचित रहे. शिकायत के बाद यह बात सच साबित होने से कंपनी ने इन अधिकारी को निलंबित कर इस प्रकरण को पूर्णविराम दिया. लेकिन किसानों की नुकसान भरपाई का प्रश्न अभी कायम है.
चिंचपुर, अंजनसिंगी, ढाकुलगांव, वरुड बगाजी सहित असंख्य किसानो के फर्जी हस्ताक्षर किए गए है. पहले से ही निसर्ग के प्रकोप से हलाकान इन किसानों को बीमा कंपनी की सहायता ही आशा की किरण थी. लेकिन बीमा कंपनी के अधिकारियों की झुठी रिपोर्ट के कारण उनके हाथ कुछ नहीं लगा. इस संदर्भ में तहसीलदार के पास शिकायत कर फसल बीमा मिलने की मांग इन किसानो ने की है. फसल बीमा के लिए अमरावती जिले को रिलायन्स बीमा कंपनी प्राधिकृत की गई है. इस कारण इस कंपनी की तरफ से किसानों को अपेक्षा थी. लेकिन संबंधित अधिकारियों ने मनमाने तरीके से किसानों के फर्जी हस्ताक्षर कर कार्यालय में ही रिपोर्ट तैयार की. इस रिपोर्ट में फसल का नुकसान कम दिखाया गया. परिणामस्वरुप तहसील के चिंचपुर, अंजनसिंगी, ढाकुलगांव, वरुड बगाजी सहित क्षेत्र के अनेक किसानों की अपेक्षा पर पानी फिर गया. ऐसे किसानों की संख्या 11 हजार से अधिक है. अधिकारियों की गलती के कारण यह किसान वर्ष 2023-24 के फसल बीमा से वंचित हुए है. सामाजिक कार्यकर्ता व किसान बाबा ठाकुर द्वारा यह मुद्दा उठाने के बाद कंपनी द्वारा संबंधित अधिकारियों को निलंबित किया गया. लेकिन किसानों के नुकसान भरपाई का प्रश्न कायम है. नीजि कर्मियों के हाथ से तैयार की गई फसल नुकसान की रिपोर्ट की जांच करने का काम अमरदीप भरणे, वैभव बाविस्कर नामक अधिकारियों के पास था. लेकिन उन्होंने भी किसी भी तरह की जांच न करते हुए वहीं रिपोर्ट शासन को भेज दी. इस कारण तहसील के 11 हजार किसान नुकसान भरपाई से अपात्र ठहराए गए. सभी ने अब नुकसान भरपाई की मांग की है

* तहसीलदार कहते है मामले दर्ज होगे
इस संदर्भ में सोमवार को कुछ किसान तहसील कार्यालय पहुंचे. संपूर्ण प्रकरण के लिए कंपनी के अधिकारियों को 12 दिन का समय दिया गया है. उसके बाद मामले दर्ज करने की प्रक्रिया चलाई जाएगी, ऐसा तहसील प्रशासन ने कहा है. दोषी अधिकारी और कर्मचारियों पर मामले दर्ज कर नुकसान भरपाई की रकम उनसे वसूल कर वह किसानों को देने की मांग बाबा ठाकुर सहित खुशाल लांबाडे ने की है.

* निलंबन किया लेकिन किसानों के नुकसान का क्या?
नियुक्त किए कर्मचारियों ने प्रामाणिक सर्वेक्षण किया रहता तो किसानों को लाभ मिला होता अथवा अधिकारियों ने उचित तरीके से जांच की होती तो फर्जी हस्ताक्षर करने की बात सामने आती और समय पर उपाययोजना की जा सकती थी. अब कंपनी ने अधिकारियों को निलंबित किया रहा तो भी किसानों के नुकसान का क्या, ऐसा प्रश्न कायम है. इस कारण उन्हें नुकसान भरपाई मिलनी चाहिए.
– बाबा ठाकुर, किसान, धामणगांव रेलवे.

* गलती करनेवालों को निलंबित किया
जिनसे गलती हुई है, यह बात ध्यान में आते ही उन अधिकारियों को निकाल दिया गया है. उनकी आईडी डिएक्टीवेट की गई है. अब जांच के बाद सर्वेअर पर कानूनी कार्रवाई की जानेवाली है. उसके बाद कानून के मुताबिक आवश्यक और कदम उठाए जाएंगे.
– अमरदीप भरणे, क्लस्टर मैनेजर.

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