अमरावती/ दि.3 – पुलिस अधिकारी व कर्मचारी की कॉलर पकडकर पिटने के अपराध में तीन आरोपियों को जिला न्यायालय के न्यायमूर्ति आर. वी. ताम्हणेकर की अदालत ने दो वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
रामसिंग बंसीगोपाल चंदेल (30, गजानन नगर, नांदगांव पेठ), अमोल रामकृष्ण वायल (टाकरखेडा, जिला बुलढाणा) और रमेश साधुराम पाटील (27, मोथा, तहसील चिखलदरा) यह सजा पाने वाले आरोपियों का नाम है. अदालत में दायर दोषारोप पत्र के अनुसार पुलिस कर्मचारी राजिक रज्जाक रायलीवाले 27 सितंबर 2017 को गाडगे नगर पुलिस थाना क्षेत्र में पैदल पेट्रोलिंग कर रहे थे. इस समय पुलिस कर्मचारी अशोक रायकर वहां आये और सिटी सेंटर के पास एक सफेद रंग के वाहन में बैठे चार युवक गालिगलौच कर शांति भंग कर रहे है, ऐसी जानकारी सहायक पुलिस निरीक्षक ओतारी को दी. इस जानकारी के आधार पर पुलिस कर्मचारी रज्जाक रायलीवाले अपने साथियों के साथ राधानगर परिसर पहुंचे.
इस समय होटर कास्तकार के सामने वाहन दिखाई दिया. पुलिसने उन्हें शांति भंग न करे, ऐसा समझाया, मगर आरोपियों ने पुलिस कर्मचारियों की कॉलर पकडकर मारपीट शुरु की. इस समय सहयोग के लिए आये पुलिस कर्मचारी किशोर व सूरज को भी पीटा. घटना के बाद तत्काल गाडगे नगर पुलिस थाने में इसकी शिकायत दी गई. पुलिस ने अपराध दर्ज कर तहकीकात पूरी करते हुए दोषारोप पत्र दायर किया. सरकारी पक्ष की ओर से एड. सुनीता ज्ञानेश्वर घोडेस्वार ने 6 गवाहों के बयान लिये. 6 गवाह और सरकारी वकील की जिरह को मान्य करते हुए न्यायमूर्ति आर.वी. ताम्हणेकर की अदालत ने तीनों आरोपियों को दो वर्ष सश्रम कारावास व 5 हजार 700 रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर तीन माह अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई. सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील सुनीता घोडेस्वार ने दलीले पेश की. सहायक पुलिस निरीक्षक गणेश पवार ने तहकीकात की. पैरवी अधिकारी के रुप में बाबाराव मेश्राम और अरुण हटवार ने कामकाज देखा.