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बीपी की दवा गोली लो ननदबाई!

सांसद नवनीत राणा ने विधायक यशोमति ठाकुर को मारा ‘टोमणा’

* अस्पताल जाकर स्वास्थ्य जांच करवाने की सलाह भी दी
अमरावती /दि.14– मैं अमरावती जिले की बहू हूं और यशोमति ठाकुर इस जिले की बेटी है, इस लिहाज से यशोमति ठाकुर रिश्ते में मेरी ननद लगती है. जिनकी तबीयत विगत कुछ समय से खराब है. अत: उन्होंने अस्पताल जाकर अपना इलाज करवाना चाहिए. साथ ही ब्लड प्रेशर की दवाई-गोली भी लेना चाहिए. यदि वे ऐसा नहीं करती है, तो भाभी होने के नाते मुझे अपनी ननद के लिए बीपी की दवाई-गोली भेजनी पडेगी. इस आशय के शब्दों में जिले की सांसद नवनीत राणा ने पूर्व मंत्री व तिवसा निर्वाचन क्षेत्र की विधायक यशोमति ठाकुर पर पलटवार किया. साथ ही कहा कि, यशोमति ठाकुर ने गत रोज जिस तरह से अवैश में आकर जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया है, उसे देखते हुए उनके स्तर का पता चल जाता है.
बता दें कि, विगत दिनों तिवसा में आयोजित युवा स्वाभिमान पार्टी की दहीहांडी को संबोधित करते हुए सांसद नवनीत राणा ने कहा था कि, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव दौरान विधायक यशोमति ठाकुर ने युवा स्वाभिमान पार्टी के नेता व विधायक रवि राणा से कडक व करारे नोट लिए थे. लेकिन चुनाव में काम किसी और का किया था. जिस पर पलटवार करते हुए विधायक यशोमति ठाकुर ने कांग्रेस की जनसंवाद यात्रा के समापन अवसर पर राणा दम्पति के लिए ‘चोट्टा व चोट्टी’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया था. साथ ही खुद पर लगे आरोप पर इस संदर्भ में सबूत देने की चुनौति दी थी. जिसे लेकर बीती शाम सांसद नवनीत राणा ने जवाब देते हुए कहा कि, अगर किसी रकम का भुगतान चेक से किया जाता है, तो उसके सबूत रहते है. लेकिन नगद में हुए लेन-देन का कोई सबूत नहीं रहता. यह बात छोटे बच्चों को भी पता होती है और जिस तरह से यशोमति ठाकुर ने कडक नोट लेने वाली बात पर अपना आपा खोते हुए प्रतिक्रिया दी है. उससे यह स्पष्ट है कि, यशोमति ठाकुर को यह कडवा सच काफी बुरा लगा है. साथ ही अपने द्बारा विधायक राणा से रकम लिए जाने की बात उजागर होता देख वे बौखला गई है.
इसके साथ ही इस वीडियो में सांसद नवनीत राणा ने यह भी कहा कि, विधायक यशोमति ठाकुर ने हरमन्स कंपनी को लेकर भी आरोप लगाए है. जबकि हकीकत यह है कि, खुद विधायक यशोमति ठाकुर ने मंत्री रहते समय हरमन्स कंपनी को लाने हेतु तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर काम किया था. ऐसे मेें सबूत दिखाने पर राजनीति छोड देने का दावा करने वाली यशोमति ठाकुर ने दस्तावेज लेकर आमने-सामने बैठना चाहिए. यदि ऐसा होता है, तो निश्चित तौर पर यशोमति ठाकुर को राजनीति छोडनी ही पडेगी. क्योंकि सारे दस्तावेज व सबूत यशोमति ठाकुर के खिलाफ है.
विगत 2-3 दिनों से जिले की दो महिला नेत्रियों के बीच चल रही यह जुबानी जंग आगे जाकर कौनसा रुख अख्तियार करती है तथा किस मोड पर पहुंचती है. इस ओर अब पूरे जिले की निगाहे लगी हुई है.

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