मनपा के अभियंता चव्हाण व विंचुरकर की जमानत याचिका खारिज
दोनों को कभी भी किया जा सकता है गिरफ्तार
* अदालत से नहीं मिली राहत और एक अभियंता के खिलाफ दर्ज होगा अपराध
* राजेंद्र लॉज इमारत का हिस्सा ढहकर 5 लोगों की मौत का मामला
अमरावती/दि.6 – सिटी कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र के प्रभात टॉकीज के समीप राजेेंद्र लॉज के नीचले माले पर स्थित राजदीप कलेक्शन का छत ढह जाने के कारण मलबे में दबकर 5 निरपराध लोगों की दबकर मौत हो गई. इस मामले में मनपा राजापेठ झोन के उपअभियंता सुहास चव्हाण और शाखा अभियंता अजय विंचुरकर को भी दोषी मानकर अपराध दर्ज किया गया था. इस पर चव्हाण और विंचुरकर ने गिरफ्तारी से पूर्व अग्रीम जमानत के लिए अदालत में आवेदन किया था. अब तक तारीख पे तारीख चलती रही. आखिर कल गुरुवार 5 जनवरी को अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायमूर्ति पी. जे. मोडक की अदालत में सुनवाई लेकर दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी है. अब कभी भी दोनों अभियंताओं को गिरफ्तार किया जा सकता है. इस दिशा में जांच अधिकारी क्या कदम उठाते है, इस पर शहरवासियों की निगाहे टीकी हुई है.
बता दें कि, रविवार 30 अक्तूबर 2022 की दोपहर प्रभात टॉकीज के पास स्थित राजेंद्र लॉज की जर्जर इमारत के नीचले माले पर स्थित राजदीप कलेक्शन का छत ढह जाने के कारण उस मलबे में दबकर 5 बेगुनाहों की मौत हो गई थी. इस मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने महापालिका के उपअभियंता सुहास चव्हाण की शिकायत पर राजेंद्र लॉज के संचालक समेत राजदीप कलेक्शन के संचालक व मजदूर, ठेकेदार के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया था. मगर तहकीकात के दौरान सिटी कोतवाली पुलिस ने मनपा के उपअभियंता सुहास चव्हाण और शाखा अभियंता अजय विंचुरकर से कुछ सवाल पूछे. पुलिस को तहकीकात में सहायता करने की बजाय मनपा के यह दोनों अभियंता मेडिकल छूट्टी का आवेदन देकर फरार हो गए. दोनों अभियंताओं ने 11 नवंबर 2022 को मेडिकल छूट्टी का आवेदन देकर मुख्यालय से गायब है. उन दोनों ने अपने वकील के माध्यम से अतिरिक्त सत्र न्यायमूर्ति पी. जे. मोडक की अदालत में गिरफ्तारी से पूर्व अग्रीम जमानत के लिए आवेदन किया था.
इस आवेदन पर सुनवाई होने के बाद अदालत ने पहले करीब 8 बार इस फैसले को स्थगित रखते हुए तारीख पे तारीख दी. इस दौरान दोनों अभियंता पुलिस की आंख में धूल झोंककर फरारी काट रहे थे. आखिर कल गुरुवार 5 जनवरी को अदालत में दोनों अभियंताओं की अग्रीम जमानत के आवेदन पर सुनवाई लेकर अग्रीम जमानत का आवेदन खारिज कर दिया. इस दौरान इसी मामले में मनपा के एक और अभियंता विनोद व्होरा को भी आरोपी बनाने का संदेह बढ चुका है. चव्हाण और विंचुरकर की तरह विनोद व्होरा भी घर से गायब बताए गए है. खबर यह भी है कि, व्होरा का पता लगाने के लिए खोलापुरी गेट पुलिस व्होरा के बेटे को भी पुलिस थाने में लाकर पूछताछ की है. लेकिन पुलिस को अब तक किसी तरह की जानकारी नहीं मिल पायी. अदालत के फैसले के बाद दोनों अभियंताओं को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है. तारीख पे तारीख का सिलसिला समाप्त होने के बाद अब शहरवासियों का दोनों अभियंताओं की गिरफ्तारी की ओर ध्यान लगा हुआ है. बता दें कि, सबसे पहले राजेंद्र लॉज केस मामले की जांच सिटी कोतवाली पुलिस थाने की थानेदार निलिमा आरज कर रही थी. दोनों अभियंताओं के खिलाफ अपराध दर्ज होने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार करने की दिशा में पुलिस ने किसी भी तरह का कदम नहीं उठाया. जिसके चलते तहकीकात की कार्रवाई में संदेह किया जाने लगा. उंगलिया उठने के बाद तत्कालीन पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने इस मामले की जांच सिटी कोतवाली पुलिस थाने से हटाकर खोलापुरी गेट के थानेदार गजानन तामटे को सौंप दी है. अब तामटे द्बारा गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठाया जाता है, इस ओर सबकी निगाहे टीकी है.
* नये सिरे से करेंगे प्रयास
महापालिका के दोनों अभियंताओं के जमानत के आवेदन को अदालत ने खारिज कर दिया है. इस बीच हमारे जवान आरोपियों के घर भी जाकर आए है. मगर उनका पता नहीं चला. सभी के मोबाइल फोन स्वीचऑफ है. अब अपराध दर्ज चव्हाण व विंचुरकर को गिरफ्तार करने के लिए नये सिरे से प्रयास किए जाएंगे.
– गजानन तामटे, थानेदार, खोलापुरी गेट.