अमरावती

मनपा के ठेकेदारों पर कोई नियंत्रण नहीं

शहर में कचरों के ढेर और गंदगी का साम्राज्य

* फवारणी और धुंवारणी नाममात्र
अमरावती/दि.28- चारों तरफ गंदगी और कचरों ढेर स घिरे अमरावती शहर में अभी भी साफ-सफाई का काम ठीक तरह से शुरु नहीं है. मनपा प्रशासन का ठेकेदारों पर नियंत्रण न रहने से यह स्थिति निर्माण हुई है. ठेकेदारों का पिछले छह माह का बकाया अदा न किए जाने से प्रशासन को भी उन्हें कोई आदेश अथवा हिदायत देने में दुविधा निर्माण हो रही है. इसका परिणाम शहर की स्वच्छता और स्वास्थ्य पर होने लगा है.
विविध राजनीतिक दलों व्दारा इस मुद्दें पर आंदोलन किए जाने के बाद भी मनपा प्रशासन ने इसे इतनी गंभीरता से नहीं लिया है और न ही कोई उपाययोजना की है. इस कारण शहर के विभिन्न इलकों में अभी कचरों के ढेर लगे है. मनपा क्षेत्र में 23 प्रभाग और बाजारपेठ की दैनंदिन सफाई और कचरा संकलन के लिए प्रभाग निहाय ठेकेदार नियुक्त किए है. वर्ष 2018-19 में ठेकेदारों की नियुक्ति की गई. लगातार 3 वर्ष और उसके बाद प्रत्येकी 1 वर्ष के मुताबिक 2 वर्ष समयावधि बढाकर देने का इस साफ-सफाई ठेके का स्वरुप है. ठेके की यह अवधि समाप्त होने के पूर्व ही तत्कालीन आयुक्त ने जोन निहाय ठेका प्रणाली लागू का निविदा प्रक्रिया भी की और ठेकेदार का चयन किया. इस मुद्दे को लेकर न्यायालीयन लडाई भी हुई. जोन निहाय ठेका लागू करने के बाद प्रभाग में काम करने वाले ठेकेदारों में तीव्र असंतोष निर्माण हो गया. ऐसे में उन्हें छह माह का बकाया न मिलने से उन्होंने काम की रफ्तार कम कर दी. इसी का असर स्वच्छता पर पडा है. शहर अस्वच्छ हुआ है. जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य का प्रश्न हो गया है. संक्रामक बीमारी की पृष्ठभूमि पर प्रभागों में फवारणी और धुंवारणी नाममात्र शुरु है. अनेक इलाकों में कोई दिखाई नहीं देता. कचरों के ढेर से कंटेनर ओवरफ्लो हो गए हैं. उसे उठाने के प्रयास भी मनपा प्रशासन की तरफ से नहीं किए जाते, ऐसा नागरिकों का कहना है. इस कारण जनता परेशान हो गई है. आगामी दिसंबर माह में प्रभाग निहाय ठेका समाप्त हो रहा है.

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