अमरावती

महात्मा ज्योतीराव फुले पुतले परिसर का सौंदर्यीकरण का

डॉ. सुनील देशमुख के हाथों भूमिपूजन संपन्न

अमरावती/ दि.५– रहाटगांव गांव की पुराने जिला परिषद शाला का शतकीय इतिहास रहा है. गांव की लगभग तीन से चार पीढिया इस शाला के शिक्षा प्रवाह में आने से समृध्द हुई है. ऐसा सभी ज्येष्ठ नागरिक कह रहे है. गांव की शुरूआत में ही इस शाला के प्रांगण में महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव फुले का पुतला रहाटगांव के सुपुत्र स्व. बाबासाहेब चर्जन के प्रयास से १९९० में उभारा गया था. उसके बाद शाला की इमारत जीर्ण शीर्ण होने के कारण कक्षा रूम नई जगह पर उभारे गये थे. जिसके कारण पुरानी जगह व व परिसर संकट में आने के कारण संपूर्ण परिसर संकट में आ गया था. अधिक प्रयास करने पर इस परिसर का विकास कार्य डॉ. सुनील देशमुख के नेतृत्व में प्रभाग के नगरसेवको के निरंतर प्रयास के कारण मंजूर किया गया. पुतला परिसर का विकास व सौंदर्यीकरण इस काम का भूमिपूजन समारोह स्थानीय नागरिको द्वारा आयोजित किया गया था. उसका भूमिपूजन डॉ. सुनील देशमुख के हाथों व मान्यवरों की उपस्थिति में संपन्न हुआ.
विविध कार्यक्रम व विकास काम के निमित्त से रहाटगांव परिसर में स्थानीय ज्येष्ठ व युवा मंडली द्वारा इस परिसर का विकास करने संबंध में डॉ. सुनील देशमुख से निरंतर मांग की जा रही थी. एकबार तथा तत्कालीन मनपा आयुक्त ने इस परिसर का विकास करने के लिए जिलाधिकारी द्वारा शासन की अनुमति ले. ऐसी बाते कर काम को टाल दिया जाता था. उस समय डॉ. सुनील ने हस्तक्षेप करके कहा कि यह पुतला पहले से ही अस्तित्व में होने से केवल परिसर का विकास व सौंदर्यीकरण के लिए शासन की कोई भी अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. उस अनुसार आगे की कार्रवाई करने के संबंध में निर्देश दिए. इसके बाद सभी काम को गति मिली.स्थानीय नगरसेवको ने निरंतर प्रयास करके इस काम के लिए ८ लाख मंजूर किए. जिसके कारण बहुप्रतिक्षित काम का भूमिपूजन हुआ.
इस अवसर पर बालासाहब पडोले, रमेशराव गिरी, सुशांत चर्जन, डॉ. सचिन चर्जन, भैयासाहब चर्जन, प्रवीण राउत, शंकरराव गिरी, शुभम वरहेकर, गजानन लोखंडे, प्रभाकर पुनस्कर, राजू खरबडे, संजय फुलाडी, शंकरराव अडाळसे, एड. आशीष लांडे, राजू मोटघरे, भैयासाहब राउत, राजू पडोले, गजानन लोखंडे, मुकेश गिरी, बबलू अडाळसे, दिनेश खरबडे, उमेश टेकाडे, अभिजीत लोखंडे, दिलीप लोखंडे, पाडव, प्रवीण उमक, बबलू वानखडे, सिध्दार्थ राउत, योगेश सवाई, सुरेश मेश्राम व स्थानीय नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे.

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