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मेलघाट की समस्याओं को लेकर वन विभाग की हुई बैठक

विधायक कडू व पटेल भी रहे उपस्थित

अमरावती/दि.8– राज्य के वन, संस्कृतिक कार्य एवं मत्स्य व्यवसाय मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की अध्यक्षता के तहत विगत 27 जुलाई को विधान भवन में मेलघाट क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के निवारण हेतु बैठक हुई थी. इस बैठक में मंत्री मुनगंटीवार द्बारा दिए गए निर्देशों के चलते 1 अगस्त को मुख्य वन संरक्षक तथा मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र संचालक कार्यालय में जिले के वरिष्ठ राजस्व एवं वन अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक बच्चू कडू तथा मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल भी प्रमुख रुप से उपस्थित थे.
इस बैठक में विधायक बच्चू कडू ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि, मेलघाट क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों व सर्वसामान्यों का जीवन किस तरह से सुकर हो पाएगा. इसकी ओर ध्यान दिए जाने की सख्त जरुरत है. साथ ही आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल व ग्रामीण रास्तें जैसी मूलभूत सुविधाओं को भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए. इसके अलावा चिखलदरा व मेलघाट में पर्यटन हेतु आने वाले पर्यटकों की लगातार बढती संख्या को देखते हुए क्षेत्र में सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग द्बारा सडकों की देखभाल व दुरुस्ती का काम करने के साथ-साथ पर्यायी रास्तों का निर्माण भी करना चाहिए. इसके अलावा मेलघाट क्षेत्र में स्थानीय नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु भी सभी सरकारी महकमों ने क्षेत्र के आदिवासी को पूरक व्यवसाय करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. इसके अलावा विधायक बच्चू कडू व विधायक राजकुमार पटेल ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को यह आश्वासन भी दिया कि, वे धारणी तहसील क्षेत्र के कई आदिवासी गांवों में रास्ते बनाने हेतु आवश्यक अनुमति तथा प्रस्तावित रास्तों को मान्यता दिलाने हेतु राज्य तथा केंद्रीय मंत्रालय स्तर पर प्रयास करेंगे.
इसके अलावा इस बैठक में मोथा से चिखलदरा मार्ग पर रास्ते के दोनों ओर सुरक्षा दीवार बनाने के साथ ही वृक्षारोपण करते हुए संगोपन की जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायतों को देने के संबंधी काम में रहने वाली दिक्कतों को दूर करते हुए कामों को गतिमान करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही घटांग में बडे पैमाने पर पर्यटकों की संख्या को देखते हुए विश्रामगृह की क्षमता बढाने और सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव अनुमानित खर्च के साथ पर्यटन विभाग को भेजने का निर्णय लिया गया. इसके साथ ही चिखलदरा तहसील के चुनखडी व खडीमल गांव की जलापूर्ति योजना को लेकर चर्चा करने के साथ ही चिखलदरा शहर में गर्मी के मौसम दौरान पैदा होने वाली जलकिल्ल्त की समस्या को दूर करने पर भी आवश्यक विचार विमर्श किया गया.
इस बैठक में मुख्य वन संरक्षक एवं मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की क्षेत्र संचालक जयोती बैनर्जी, सिपना वन्यजीव उपवन संरक्षक दिव्य भारती, वन्य जीव उपवनसंरक्षक सुमंत सोलंके, प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना के कार्यकारी अभियंता नितिन देशमुख, जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अविश्यांत पंडा, उपजिलाधीश (पुनर्वसन) अनिल भटकर, सिडकों के कार्यकारी अभियंता अक्षय महल्ले व देवेंद्र जामनीकर, सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग चिखलदरा के कार्यकारी अभियंता हेमकांत पटोरे, मजिप्रा अकोला के कार्यकारी अभियंता नीलेश राठोड, अमरावती की तहसीलदार (राजस्व) भाग्यश्री देशमुख, धारणी के उपअभियंता प्रमोद ठाकरे, चिखलदरा नप के मुख्याधिकारी सुधाकर पानझाडे, मजिप्रा अमरावती के कार्यकारी अभियंता विवेक सोलंके सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

 

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