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आई कादंबरी का हुआ प्रकाशन
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२० – वर्तमान दौर में मां जब तक जिंदा रहती है, तब तक मां की अहमियत का पता नहीं चलता. संस्कार व पंरपरा को बरकरार रखने के लिए युवा पीढी ने आई कादंबरी को पढना चाहिए. इस आशय का प्रतिपादन विधायक सुलभा खोडके ने व्यक्त किया.
श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के ऑडीटोरियम में आई कादंबरी का प्रकाशन मंगलवार को विधायक खोडके के हाथों किया गया. इस समय वे बोल रही थीं.
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एड. दिलीप एडतकर ने की. इस अवसर पर अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल, साहित्यिक व कवि बबनराव सराडकर, शिवाजी शिक्षण संस्था के सचिव शेषराव खाडे, चिखलदरा कला वाणिज्य महाविधालय के प्राचार्य राजेश जयपुरकर, संजय खोडके मौजूद थे.
कादंबरी की सराहना करते हुए कादंबरी घर-घर तक पहुंचाने के लिए प्रयत्न करने का आश्वासन विधायक सुलभा खोडके ने दिया. बबनराव सराडकर ने मनोहरराव ही कादंबरी होने की बात कही. वहीं जयपुरकर ने कादंबरी एक नया कीर्तिमान बनाने की जानकारी दी. शेषराव खाडे ने पठन की महत्ता समझायी. जबिक अनिल अग्रवाल ने परिमल के हौसले की सराहना की.
अध्यक्षीय संबोधन में एड. एडतकर ने कहा कि पुराने साहित्यिकों ने क्रांति की अलख जलायी थी. लेकिन आज वैसे साहित्यिक बचे ही नहीं है. अखबारों के मुख्य पन्नों पर अच्छी खबरें होनी चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं होता. अपनी परंपरा को बचाने के लिए युवा पीढी को मां क्या होती है, यह समझना चाहिए. इसीलिए युवाओं तक आई कादंबरी को पहुंचाना जरूरी है.
प्रास्ताविक में मनोहर परिमल ने कादंबरी की विस्तारपूर्वक जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कादंबरी सत्य घटना पर आधारित है. इस कादंबरी में ग्रामीण भाषा के साथ ही संमिश्र नागरी भाषा का अनुबंध भी है. संचालन गजेंद्र बडनेरकर ने किया. आभार पंकज मोरे ने माना.