* बारिश की वजह से ठंड का प्रमाण बढा, विदर्भ ठिठुरा
अमरावती/दि.11- शीत ऋतु के दौरान गुलाबी ठंडीवाले दिनों में विदर्भ क्षेत्र में अकस्मात ही बेमौसम बारिश का आगमन हुआ. साथ ही कई स्थानों पर जमकर ओलावृष्टि भी हुई. जिसकी वजह से ठंड का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है. वहीं आगामी 14 जनवरी तक विदर्भ क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि होने का अनुमान जताया गया है. जिसका सीधा मतलब है कि, विदर्भ क्षेत्र पर एक बार फिर आसमानी संकट मंडरा रहा है. क्योंकि इस बेमौसम बारिश की वजह से रबी सीझन की फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान होने का अनुमान है. साथ ही इस बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि की वजह से आम जनजीवन भी बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चला है.
बता दें कि, विगत शनिवार व रविवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि की वजह से खेती-किसानी का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. वहीं अब 14 जनवरी तक ओलावृष्टि व बारिश की संभावना जताये जाने के चलते किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही है. वहीं इस बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के चलते मौसम व वातावरण भी पूरी तरह से बदल गया है.
मौसम विभाग द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक 11 व 12 जनवरी को अमरावती, अकोला, वाशिम व बुलडाणा जिलों में कुछ स्थानों पर तेज गडगडाहट के साथ हलके व मध्यम स्तर की बारिश होने की संभावना है. वहीं शेष विदर्भ क्षेत्र में हलकी-फुलकी बारिश हो सकती है, जबकि 13 व 14 जनवरी को समूचे विदर्भ क्षेत्र में अधिकांश स्थानों पर हलकी-फुलकी बारिश होगी. साथ ही इस दौरान कई स्थानों पर ओले बरसने की संभावना भी जताई गई है.
* समूचा राज्य सर्द लहर की चपेट में
मौसम में अचानक आये परिवर्तन की वजह से इस समय समूचे राज्य में ठंड का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है और राज्य के अधिकांश इलाकों में बारिश की संभावना भी बनी हुई है. इसके अलावा राज्य के कई इलाकों में विगत कुछ दिनों के दौरान ओलावृष्टि भी हुई है. जिससे मौसम काफी हद तक सर्द हो चला है. मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक कल नासिक में न्यूनतम तापमान 7.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. यह समूचे राज्य में सबसे कम तापमान रहा. वहीं इस समय उत्तर व पश्चिम महाराष्ट्र में भी कडाके की ठंड पड रही है.
* जिले में 19,478 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में फसलों का नुकसान
विगत 8 व 9 जनवरी को अमरावती जिले में हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि की वजह से जिले की मोर्शी व चांदूर बाजार तहसील में 19 हजार 478 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई है. साथ ही कई स्थानों पर घरों व जानवरों का भी बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. बेमौसम बारिश व अतिवृष्टि होने के तुरंत बाद जिला प्रशासन द्वारा नुकसान के पंचनामे तैयार करने हेतु सर्वेक्षण का काम शुरू किया गया. जिसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन द्वारा संभागीय आयुक्त कार्यालय को भेज दी गई है.