अमरावती

सार्वजनिक मंडलों के लिए एक खिडकी योजना

गणेश उत्सव हेतु ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था

10 दिवसीय पर्व के लिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद
अमरावती/दि.2- आगामी 19 से 28 सितंबर के दौरान 10 दिवसीय गणेशोत्सव मनाया जाएगा. जिसके लिए सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों की अभी से गतिविधियां तेज हो गई है. वहीं पुलिस प्रशासन भी अपनी ओर से पूरी तरह से मुस्तैद होकर जरुरी कामों में जुट गया है. जिसके तहत पुलिस आयुक्तालय में सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों के लिए गणेश स्थापना व विसर्जन तथा अनुमति हेतु एक खिडकी योजना चलाई जा रही है.
उल्लेखनीय है कि, 10 दिवसीय गणेशोत्सव के दौरान शहर में कानून व व्यवस्था की स्थिति अबाधित रहे तथा शांतिपूर्ण ढंग से उत्सव मनाया जाए. इस बात के मद्देनजर शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने अलग-अलग चरणों में समीक्षा करने की शुरुआत कर दी है. जिसके लिए अपने अधिनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक लेकर सीपी रेड्डी ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए है. साथ ही नागरिकों के लिए गणेशोत्सव मंडल की स्थापना करना सुविधापूर्ण हो, इस हेतु कई नियम व शर्त लागू किए गए है. सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों के लिए महानगरपालिका, धर्मादाय आयुक्त, यातायात पुलिस, विद्युत विभाग व अन्य सरकारी कार्यालयों से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, केवल सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों को ही नहीं, बल्कि सोसायटी व अपार्टमेंट में स्थापित किए जाने वाले गणेश मंडलों के लिए भी अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है. ऐसे सभी गणेश मंडलों का धर्मादाय आयुक्त के पास पंजीयन रहना बेहद आवश्यक है. सभी लोगों के लिए श्री गणेश की स्थापना करना सुविधाजनक हो, इस हेतु 5 से 17 सितंबर की कालावधि के दौरान पुलिस आयुक्तालय में एक खिडकी योजना शुरु रहेगी. जिसके तहत गणेशोत्सव मंडलों को सिटीजन डॉट महापोलिस डॉट जीओवी डॉट इन इस वेबसाइट पर जाकर अपना ऑनलाइन पंजीयन करना होगा. जिन गणेश मंडलों को ऑनलाइन आवेदन नहीं मिलेगा, या अपूर्ण आवेदन मिलेगा, ऐसा मंडलों को गणेश स्थापना की अनुमति नहीं दी जाएगी.
* जबरन चंदा लेने वालों पर रहेगी नजर
किसी भी सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल द्बारा किसी से भी जोरजबर्दस्ती करते हुए गणेशोत्सव हेतु वर्गणी यानि चंदा जमा नहीं किया जा सकेगा. इससे संबंधित कोई भी शिकायत आने पर संबंधितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ऐसी चेतावनी पुलिस विभाग द्बारा दी गई है. साथ ही चंदा जमा करने वाले का भी धर्मादाय आयुक्त के पास पंजीयन करना अनिवार्य किया गया है.

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