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सिपना कालेज एकमात्र विदर्भ की डीजीसीए मान्यता प्राप्त

आरपीटीओ सेंटर का शुभारंभ

* पत्रकार परिषद में प्राचार्य डॉ. संजय खेरडे ने दी जानकारी
अमरावती/दि. 21 – अभियांत्रिकी व तकनीकी क्षेत्र में नए उपक्रम चलाने के लिए विख्यात सिपना अभियांत्रिकी महाविद्यालय में अब विदर्भ का पहला डीजीसीए मान्यता प्राप्त आरपीटीओ शुरु हुआ है, ऐसी जानकारी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय खेरडे ने आज पत्रकार परिषद में दी. पत्रकार परिषद में अधिष्ठाता डॉ. संदीप रोडे, सिपना आरपीटीओ के प्रमुख प्रा. डॉ. सुनिलसिंह मुंगोना उपस्थित थे.
पत्रकार परिषद में डॉ. संजय खेरडे ने बताया कि, विदर्भ के युवाओं को इस उपक्रम के कारण रोजगार का अवसर मिलनेवाला है. रिमोट पायलट ट्रेनिंग प्रोग्राम (आरपीटीओ) यानि ड्रोन उडाने के लिए लगनेवाला प्रशिक्षण और लाईसेंस देनेवाली संस्था यह केंद्र नागरी विमान परिवहन महासंचालनालय नई दिल्ली के तहत कार्य करती है. वर्तमान में भारत में कुल 109 आरपीटीओ केंद्र कार्यरत है. सिपना आरपीटीओ यह विदर्भ का मान्यता प्राप्त करनेवाला पहला आरपीटीओ है. आगामी समय में प्रत्येक क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल बढनेवाला है. इसके लिए प्रशिक्षित और लाईसेंस धारक मनुष्यबल लगनेवाला है. वह पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य इस केंद्र के जरिए किया जानेवाला है. व्यवसायिक ड्रोन निर्माण, आपदा निवारण के लिए, कुरिअर सेवा, वैद्यकीय क्षेत्र व्यवस्थापन तथा कृषि व्यवस्थापन में यह लोकप्रिय हो रहा है. इससे उत्पादको की कार्यक्षमता सुधारने में सहायता होती है और दैनंदिन काम सुलभ होते है. ड्रोन इस्तेमाल का सबसे बडा लाभ यानि खर्च में बचत, सुरक्षा सुधार और डेटा अचूक मिलाते आता है. शारीरिक श्रम और पारंपारिक सर्वेक्षण प्रणाली की आवश्यकता कम करने से खर्च में काफी बचत हो सकती है. यह सब तब होता है जब लगातार मजदूरो की कमी के कारण अनेक काम पूरे करना कठिन होता है. निर्माण क्षेत्र में साईट सर्वेक्षण, मैपिंग और थ्रीडी मॉडेल तैयार करना आदि काम ड्रोन की सहायता से किए जा सकते है. ड्रोन ने खेती के काम में क्रांति ला दी है. यह उडनेवाला उपकरण उत्पादकता बढानेवाला कम खर्च और पारंपारिक खेती प्रणाली को प्रोत्साहन देने के अनेक फायदे देता है. इसके अलावा ड्रोन से अचूक खेती, फसल निरीक्षण, सिंचन व्यवस्थापन, कीटक और रोग तलाशना, फवारणी करना, क्रॉप स्काऊटींग, पशुधन व्यवस्थापन, पर्यावरण के फायदे सहित अनेक लाभ हो रहे है.
यह सब करने के लिए प्रशिक्षण और लाईसेंस रहा मनुष्यबल तैयार करना यह प्रमुख कार्य सिपना आरपीटीओ के माध्यम से होनेवाला है. प्रशिक्षण कम से कम पांच दिन का रहनेवाला है. इसमें थेअरी और प्रात्यक्षिक रहेगे और अंत में परीक्षा ली जाएगी. पश्चात डीजीसीए के जरिए प्रमाणपत्र दिए जाएगे.

* 10 वीं पास रहना जरुरी
महिलाओं के लिए भारत सरकार ने इसके पूर्व ही नमो ड्रोन दिदी नामक योजना शुरु की है. इस योजना के तहत विदर्भ की पहली लाभार्थी रही शिरजगांव कसबा निवासी कल्पना वानखडे भी पत्रकार परिषद में उपस्थित थी. उन्होंने इस योजना की जानकारी दी. इस प्रशिक्षण के लिए 10 वीं पास, 18 वर्ष की आयु, वैध इंडियन पासपोर्ट अनिवार्य है. सिपना आरपीटीओ में प्रशिक्षण लेने के लिए डीजीसीए मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण है. डीजीसीए प्रमाणित लैब और ड्रोन भी केंद्र के पास है. संस्था के अध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने इस अवसर का लाभ लेने का आवाहन किया है.

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