अमरावती

जिले में आरटीपीसीआर टेस्ट पर प्रतिमाह खर्च हो रहे 1.10 करोड रूपये

विद्यापीठ की सरकारी लैब में नि:शुल्क जांचे जाते है सैम्पल

अमरावती/दि.11 – जिले में बीते एक वर्ष से अब तक कुल 4 लाख 61 हजार 833 नागरिकों के थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच की जा चुकी है. जिसमें शुरूआती दौर में करीब 2300 सैम्पलों को नागपुर, वर्धा व अकोला की प्रयोगशालाओं में जांच हेतु भेजा गया था. पश्चात 4 मई को अमरावती में ही सरकारी कोविड टेस्ट लैब शुरू हो गयी. जहां पर कोविड संदेहितों के आरटीपीसीआर सैम्पलों की नि:शुल्क जांच की जाने लगी. इसके तहत अब तक इस लैब में 2 लाख 11 हजार 665 सैम्पलों को जांचा जा चुका है. इस नि:शुल्क कोविड टेस्ट के लिए प्रशासन को प्रतिमाह 1.10 करोड रूपयों का खर्च करना पड रहा है, ऐसी जानकारी सामने आयी है.
बता दें कि, विगत वर्ष 4 मई को शुरू हुई विद्यापीठ स्थित सरकारी कोविड टेस्ट लैब ने अभी हाल ही में अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा किया है. इस एक वर्ष के दौरान विद्यापीठ की कोविड टेस्ट लैब पर विगत वर्ष जुलाई से सितंबर माह के दौरान काम का काफी अधिक बोझ था. पश्चात अक्तूबर माह के बाद इस प्रयोगशाला में जांच हेतु पहुंचनेवाले सैम्पलों की संख्या कुछ कम हुई. किंतु जारी वर्ष में मार्च व अप्रैल माह आते-आते एक बार फिर कोविड संक्रमण की रफ्तार तेज हो गयी और बडे पैमाने पर संदेहितों के सैम्पलों को जांच हेतु कोविड टेस्ट के लिए विद्यापीठ की प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है. विगत तीन माह से जिला प्रशासन को विद्यापीठ की कोविड टेस्ट लैब पर प्रतिमाह औसतन 1 करोड 10 लाख रूपये खर्च करने पड रहे है. साथ ही यहां पर इस समय रोजाना 2500 से 3000 थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच हो रही है. पता चला है कि, इस कोविड टेस्ट लैब में प्रत्येक सैम्पल की जांच हेतु औसतन 300 रूपये का खर्च आता है और विगत माह इस लैब में 38 हजार सैम्पलों को जांच हेतु भेजा गया था. यहीं स्थिति इससे पहले मार्च माह में भी देखी गयी थी और जारी माह में भी लगभग यहीं स्थिति चल रही है. ऐसे में इस कोविड टेस्ट लैब पर प्रतिमाह औसतन 1 करोड 10 लाख रूपये का खर्च हो रहा है.

Related Articles

Back to top button