* इस बार वृद्धिंगत लक्ष्यांक की संभावना
अमरावती/दि.14 – जारी वर्ष में 7 हजार 509 घरकुलों के लक्ष्यांक को मंजूरी देने की प्रक्रिया चल रही है. शबरी आदिवासी घरकुल योजनांतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के घरकुल लाभार्थियों को 1 लाख 20 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है. इसके अलावा रोजगार गारंटी योजना से काम का मुआवजा भी मिलता है. जारी वर्ष में भी 7 हजार 509 घरकुलों का लक्ष्य प्राप्त होने के चलते आवेदन करना आवश्यक है.
आदिवासी उपयोजनांतर्गत अनुसूचित जनजाति के जिन लोगों के पास रहने हेतु अपना खुद का घर नहीं है अथवा अनुसूचित जनजाति के जो लोग कच्चे मकानों, झोपडियों व अस्थायी निवास में रहते है, ऐसे पात्र लाभार्थियों को घरकुल उपलब्ध करवाकर देने के लिए व्यक्तिगत लाभ वाली शबरी आदिवासी घरकुल योजना राज्य सरकार द्बारा चलाई जाती है.
* क्या है शबरी घरकुल योजना?
अनुसूचित जनजाति के पात्र लाभार्थियों को घरकुल उपलब्ध करवाकर देने के लिए व्यक्तिगत लाभ वाली शबरी आदिवासी घरकुल योजना राज्य सरकार के मार्फत चलाई जाती है. जिसमें मानक के अनुसार पात्र रहने वाली व्यक्ति को घरकुल मंजूर किया जाता है.
* कौन से दस्तावेज है आवश्यक
तहसीलदार से मिलने वाला आय का प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, राशन कार्ड, बैंक खाते का पासबुक, आधार कार्ड, जॉब कार्ड व नमूना नं. 8 सहित अन्य कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता रहती है.
* कहा करें आवेदन
एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प कार्यालय (धारणी) द्बारा घरकुलों की मंजूरी प्रक्रिया चलाई जाती है. जहां पर घरकुलों के लिए प्रस्ताव दाखिल करना होता है. इसके अलावा खुद पंचायत समितियों व ग्रामपंचायतों में भी इसे लेकर विस्तृत जानकारी दी जाती है.
* 1.20 लाख रुपए का अनुदान
इस योजना के तहत लाभार्थी को 1.20 लाख रुपए तक का अनुदान मिलता है. इसके अलावा शौचालय के निर्माण हेतु 32 हजार रुपए और एमआरजीएस अंतर्गत 18 हजार रुपए का अनुदान भी मिलता है. जिसके चलते कुल अनुदान की राशि करीब डेढ लाख रुपए के आसपास जा पहुंचती है.
* किसे मिलती है प्राथमिकता?
आदिम जनजाति व पारधी जनजाति के लाभार्थियों को पहली प्राथमिकता के साथ लाभ दिया जाता है. इसके साथ ही दिव्यांग लाभार्थियों के लिए 5 फीसद आरक्षण रखते हुए दिव्यांग महिलाओं को प्राधान्य दिया जाता है.
* कितने लोगों को मिलेंगे घरकुल
गत वर्ष के घरकुलों को मंजूरी देने की प्रक्रिया चल रही है. इसके साथ ही जारी आर्थिक वर्ष में 7 हजार 509 घरकुलों का लक्ष्य तय किया गया है. ऐसी जानकारी धारणी स्थित आदिवासी विभाग के सहायक जिलाधिकारी तथा विशेष प्रकल्प अधिकारी सावंतकुमार द्बारा दी गई है.