पीएम आवास योजना में स्थानीय ठेकेदारों के साथ 1.68 करोड की जालसाजी
पत्रवार्ता में दी गई जानकारी
* इको टेक्नॉलॉजी कंपनी पर धोखाधडी का आरोप
अमरावती/दि.17- अमरावती मनपा द्वारा मनपा क्षेत्र में चल रहे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 860 फ्लैटस के निर्माण का ठेका मुंबई स्थित गैनॉन डंकर्ली कंपनी लिमिटेड को 27 नवंबर 2017 को दिया गया था. जिसने मनपा के नियमों व करारनामे का उल्लंघन करते हुए इस काम को पूरा करने हेतु नागपुर स्थित इको टेक्नॉलॉजी प्रा. लि. (इटीपीएल) नामक कंपनी को दिया गया था, जो 3 अप्रैल 2018 को एक एनजीओ के तौर पर गठित हुई थी. वहीं भवन निर्माण का कोई अनुभव नहीं रहने के चलते इटीपीएल ने बडनेरा व रहाटगांव परिसर में बनाये जानेवाले फ्लैटस् के काम का जिम्मा कल्पवृक्ष कन्स्ट्रक्शन एन्ड बिल्डर्स (केसीबी) को सौंपा. जिसके द्वारा स्थानीय ठेकेदारों के जरिये फ्लैटस् के निर्माण का काम किया गया, लेकिन इटीपीएल कंपनी द्वारा अब स्थानीय ठेकेदारों को उनके काम का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जबकि मनपा द्वारा गैगन डंकर्ली कंपनी को भुगतान किया जा चुका है और गैगन डंकर्ली ने भी नागपुर की इटीपीएल कंपनी को पैसे अदा कर दिये है. किंतु इटीपीएल कंपनी द्वारा स्थानीय ठेकेदार का पैसा अदा करने से इन्कार किया जा रहा है और पैसों हेतु तगादा लगाये जाने पर स्थानीय ठेकेदारों को डराया-धमकाया जा रहा है. इस आशय की जानकारी स्थानीय ठेकेदारों द्वारा यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में दी गई है.
जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कंपाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रकार परिषद में शुभम बुधाणे, समीर बोडखे, प्रमोद जैन व बालासाहब कोराटे ने बताया कि, इटीपीएल कंपनी ने केसीबी कंपनी सहित अन्य ठेकेदारों के साथ जालसाजी व धोखाधडी करते हुए उन्हें भुगतान नहीं करने का अपराध किया है. साथ ही इस पत्रकार परिषद में यह भी बताया गया कि, इटीपीएल कंपनी के संचालक मिलींद चव्हाण, आशिष वांदिले तथा विवेक काले ने इससे पहले वर्ष 2005 में प्रोनिक्स सिस्टीम्स् कंपनी के तौर पर काम करते हुए जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के साथ कंप्यूटर के स्पेअर पार्ट व अन्य सामग्री की आपूर्ति का ठेका लिया था. जिसमें बडे पैमाने पर अपहार किया गया था. वहीं अब इन तीनों ने ठेकेदारों से पीएम आवास योजना के तहत 75 से 80 फीसद काम करवाया. जिसके बाद निर्माण साईट पर गुंडों को लाकर ठेकेदारों को भगा दिया गया तथा इमारतों का बचा हुआ काम खुद पुरा करते हुए पूरे काम का पेमेंट उठा लिया गया. जिससे पीएम आवास योजना में काम करनेवाले ठेकेदार आर्थिक रूप से बर्बाद होने की कगार पर है. इसके लिए इटीपीएल कंपनी के तीनों संचालकों सहित कंपनी के अमरावती स्थित प्रकल्प व्यवस्थापक सारंग प्रधान भी जिम्मेदार है. जिनकी वजह से मनपा की पीएम आवास योजना का सत्यानाश हो रहा है और केंद्र सरकार की भी बदनामी हो रही है. अत: इन सभी के खिलाफ मनपा प्रशासन सहित पुलिस द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए.