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बेच डाली थी 1 लाख बोरी नकली सीमेंट!

इशाक व रतावा चार दिनों की कस्टडी में

* नकली अंबूजा सीमेंट का मामला
* 4-5 वर्षो से चल रहा था
* शहर के कई सरकारी कामों में व नए मकानों में लगा है नकली सीमेंट
अमरावती/दि.19- राजापेठ के थानेदार मनीष ठाकरे व्दारा पकडा गया नकली सीमेंट का गोरखधंधा दरसल दो वर्षो से चलने की चर्चा इस क्षेत्र से जुडे लोगो में है और यह भी कहा जा रहा कि, 1 लाख बोरी का धंधा आरोपी कर चुके थे. एक पुलिसकर्मी को कम रेट में सीमेंट मिलने की भनक लगने पर उसे शक हुआ और उसी की निशानदेही पर इतना बडा फ्रॉड उजागर हुआ. उधर अंबूजा सीमेंट कंपनी की तरफ से अभी तक पुलिस में अधिकृत शिकायत नहीं की गई हैं. कंपनी के अमरावती सहायक प्रबंधक सचिन दानी ने बताया कि, मुंबई स्थित लीगल टीम इस बारे में जानकारी लेकर कार्रवाई करने वाली हैं. इस बीच अमरावती के अनेक प्रमुख सीमेंट व्यवसायियों ने नकली सीमेंट की कारगुजारी को जान से खेलना निरुपित किया. अधिकांश ने अमरावती मंडल से बातचीत में यह भी कहा कि, आरोपी इशाक कासम कालीवाले से बनावटी सीमेंट लेने वाले दुकानदारों पर भी कडी कार्रवाई होनी चाहिए. पुलिस ने इशाक को अंबूजा सीमेंट की खाली बोरी और खराब हो चुके सीमेंट बेचने वाले आरोपी राहुल रतावा को भी बंदी बनाया हैं. दोनो आरोपियों को कोर्ट में चार दिनों तक पुलिस कस्टडी में रखने की अनुमति दे दी हैं. ऐसी जानकारी थानेदार मनीष ठाकरे ने आज दोपहर अमरावती मंडल से बातचीत में दी. इस बीच नगर के कई सीमेंट कारोबारियों से चर्चा में यह भी उजागर हुआ कि, कई सरकारी निर्माण कामों और मकानों के निर्माण में भी नकली सीमेंट का इस्तेमाल होने से इन्कार नहीं किया जा सकता. भाव में फर्क के अलावा तुरंत उपलब्धता के कारण भी नकली सीमेंट का गोरखधंधा खूब चलने की चर्चा कारोबारियों में सुनने मिल रही हैं.
* 380 की सीमेंट 300 में
अंबूजा और अल्ट्राटेक सीमेंट की बडी मांग रहती है. दोनो सीमेंट के नामी ब्रॉन्ड हैं. उनकी ताजा कीमत 380-370 रुपए प्रति बोरी हैं. ऐसे में आरोपी इशाक कासम 300 या 310 रुपए में अंबूजा सीमेंट के नाम पर वह घटिया माल बेच रहा था. बाजार सूत्रों ने अंदाजा जताया कि, वर्षो से गोरखधंधा शुरु था. 1 लाख बोरी सीमेंट अंबूजा कंपनी के नाम पर बेच दिया गया. साफ है कि बहुत बडी कारगुजारी आरोपी ने की हैं. हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि, आरोपी विगत चार माह से एमआईडीसी में किराए से प्लॉट लेकर यह धंधा चला रहा था. उसे खराब हो चुके सीमेंट की सप्लाई कथित रुप से राहुल रतावा कर रहा था. रतावा का इतवारा बजार में राहुल सीमेंट डिपो नाम से प्रतिष्ठान होने की जानकारी मिल रही हैं.
* नकली सीमेंट और वजन भी कम
अमरावती मंडल ने शहर के अनेक सीमेंट विक्रेताओं से इस बारे में बात की तो, खुलासा हुआ कि खाली बोरी लेकर उसमें अंबूजा के नाम पर घटिया माल भरने के साथ आरोपी इशाक कासम वजन में भी गफलत कर रहा था. कम से कम 5 किलो माल कम दिया जा रहा था. सीमेंट की इस्तेमाल की गई बोरी को दोबारा भरते समय उपर से काटने के कारण निर्धारित 50 किलो माल नहीं आता. साफ है कि माल भी कम दिया जाता.
* छोटी साइट पर अच्छा धंधा
बनावटी सीमेंट का छोटी निर्माण साइट पर अच्छा धंधा होने की जानकारी भी बाजार सूत्रों ने दी. उन्होंने बताया कि, कुछ छोटे दुकानदार भी इस धंधे में लिप्त हो सकते हैं. आरोपी डायरेक्ट ग्राहकों से भी संपर्क करता. 10-20 बोरी का ऑर्डर खुद ही डिलेवर करने जाता. आरोपी को कंपनी की ओरिजनल प्रिंटेड बोरी मिलने के बारे में भी पुलिस की जांच चल रही हैं. मार्केट में कम कीमत की सीमेंट भी उपलब्ध हैं. कभी वह सीमेंट बोरियां लेकर अंबूजा की बोरी में डालकर बेचने का कारनामा आरोपी व्दारा किए जाने की जानकारी हैं. उल्लेखनीय है कि गुरुवार को राजापेठ पुलिस ने 600 बोरी सीमेंट के साथ आरोपी इशाक कासम कालीवाले और उसके साथी वाहनचालक को बंदी बनाया हैं. कारगुजारी की सघन जांच की कोशिश में पुलिस लगी हैं.

* यह चीटिंग खतरनाक, जान जोखिम में डालना
अंबूजा सीमेंट के अमरावती के मुख्य वितरक प्रदीपभाई राजा ने अमरावती मंडल से बातचीत में कहा कि, आरोपी पर कडी से कडी कार्रवाई होनी चाहिए. यह केवल सीमेंट की मिक्सिंग का छोटा काम नहीं है बल्कि लोगों के सपने और जान से खेलने वाला खतरनाक काम हैं. लोग बडी मुश्किल से अपना घर बनाते है, जिसमें सीमेंट महत्वपूर्ण घटक हैं. सीमेंट घटिया या बनावटी रहने पर आरोपी 5-25 हजार कमा लेगा मगर घर बनाने वाले की जान भी जोखिम में आ जाती है और उसके 25-50 लाख के मकान के सपने की मट्टी पलीद होने का खतरा हैं. इसलिए आरोपी पर कडी कार्रवाई होनी चाहिए, ऐसी मांग प्रदीपभाई राजा ने की.

* अमरावती में पहली बार
देवडिया सेल्स के संचालक गौरव देवडिया ने कहा कि, जान से खेलने का यह काम हैं. अमरावती में पहली बार देखने सुनने मिला हैं. चार साल पहले मध्यप्रदेश में नकली माल पकडा गया था. जो भी हुआ वह गलत हैं. लोगाेंं की जान से खेलना है. नकली सीमेंट का क्या भरोसा? इमारत ढह जाए तो कितनी जानें जा सकती है, इसका कोई सोच विचार नहीं हैं. आरोपी पर कडी कार्रवाई होनी चाहिए. उसके सभी संबंधित लोगों पर भी एक्शन लिया जाना जरुरी हैं.

* जिसे बेचा, उसे भी पकडे
स्वागत स्टील एण्ड सीमेंट फर्म के संचालक सचिन पाठक ने कहा कि, बनावटी अंबूजा सीमेंट जिन दुकानदारों को आरोपी ने बेचा उन पर भी पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए. थोडे पैसे के लोभ में ऐसे दुकानदार हम जैसे अत्यंत कम मार्जिन में धंधा करने वाले लोगों का बिजनस भी खराब करते है और एक-एक पैसा जोडकर अपने सपने का मकान बनाने वाले लोगों की जान से भी खेलते हैं. कंपनी को भी इस बारे में एक्शन लेनी चाहिए. दुकानदारों को पकडा तो दोबारा ऐसा करने से तौबा करेंगे. उसी प्रकार आरोपी पर भी कडी कार्रवाई होनी चाहिए. नहीं तो 2-4 माह में छूटने के बाद फिर वहीं नकली सीमेंट का काम वह करेगा.

* कंपनी ले रही कानूनी सलाह
अंबूजा सीमेंट के क्षेत्रीय सहायक प्रबंधक सचिन दानी ने अमरावती मंडल से बातचीत में बताया कि, कंपनी के लीगल सलाहकार को पूरे मामले की जानकारी दी जाएगी. उनके मशविरा पर आगे कार्रवाई होगी अभी पुलिस में शिकायत नहीं की गई हैं. दानी के पास अमरावती, परतवाडा और धारणी का जिम्मा हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल उन्हें नहीं पता कि कितने बोरी नकली सीमेंट अंबूजा कंपनी के नाम पर अमरावती में बेचा गया.

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