अमरावतीमुख्य समाचार

लंपी डीसीज से निपटने खरीदी जायेंगी 1 लाख वैक्सीन

जिप सीईओ को दिया गया 20 लाख रूपये की निधी का प्रस्ताव

* पशु संवर्धन आयुक्त ने अमरावती पहुंचकर लिया हालात का जायजा
* धारणी के साथ ही चिखलदरा के दो गांवों में है बीमारी का प्रादुर्भाव
अमरावती/दि.6- मच्छर-मख्खी और गोचिड के जरिये गाय, भैस व बैल जैसे जानवरों में फैलनेवाली लंपी स्कीन इंफेक्शन नामक विषाणुजन्य बीमारी का असर इन दिनों आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में देखा जा रहा है. जहां गत रोज तक धारणी तहसील के पाडीदम व झिल्पी गांव में इस बीमारी का प्रादुर्भाव रहने की बात सामने आ रही थी. वही अब चिखलदरा तहसील अंतर्गत पीपादरी व आंबापाठी इन दो गांवों के जानवरों में भी इस बीमारी के संक्रमण का असर देखा जा रहा है. ऐसे में इन चारों गांवों के आसपास 5 से 10 किमी के दायरे को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करते हुए संक्रमण की चपेट में रहनेवाले जानवरों का युध्दस्तर पर इलाज किया जा रहा है. साथ ही अन्य पालतु मवेशियों को इससे बचाने हेतु उन्हें प्रतिबंधात्मक टीके लगाये जा रहे है. जिसके लिए जिला पशुसंवर्धन विभाग के दल लगातार इन चारों गांवों का दौरा करते हुए संक्रमण की चपेट में रहनेवाले जानवरों का इलाज करते हुए निरोगी जानवरों को प्रतिबंधात्मक वैक्सीन लगा रहे है. साथ ही गोट पॉक्स नामक प्रतिबंधात्मक वैक्सीन की खरीदी हेतु जिला पशुसंवर्धन विभाग ने जिला परिषद प्रशासन से 20 लाख रूपये की निधी मांगी है और इससे संबंधित प्रस्ताव जिप सीईओ अविश्यांत पंडा के पास भेजा गया है.
बता दें कि, अमरावती जिले से सटे अकोला जिले की अकोट तहसील अंतर्गत कुछ गांवों में लंपी स्कीन डीसीज नामक विषाणुजन्य बीमारी जानवरों में फैली. चूंकि इस परिसर से मेलघाट के गांवों का सीधा संपर्क आता है और हाल ही में पोले का पर्व भी हुआ, जब बडे पैमाने पर जानवर एक-दूसरे के संपर्क में आये. ऐसे में आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र के कुछ गांवों तक यह संक्रमण पहुंचा और धारणी व चिखलदरा तहसील क्षेत्र के चार गांवों में इस बीमारी का असर जानवरों में दिखाई दे रहा है. इसकी सूचना मिलते ही पशुसंवर्धन विभाग ने इस विषाणुजन्य बीमारी का प्रसार रोकने हेतु अपनी ओर से तमाम आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिये और विभाग के अलग-अलग दल तहसील स्तरीय दलों के साथ संबंधित गांवों में पहुंचे. जहां पर संक्रमित जानवरों का इलाज शुरू करने के साथ ही निरोगी जानवरों को इस बीमारी की चपेट में आने से बचाने के लिए पशुपालकों की जनजागृति की जाने लगी.
वही इस मामले की गंभीरता को देखते हुए गत रोज राज्य पशुसंवर्धन विभाग के आयुक्त सचिंद्र प्रताप सिंह भी कल पुणे से अमरावती पहुंचे और उन्होंने यहां पर जिला परिषद कार्यालय में जिला पशुसंवर्धन विभाग के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की. जिसमें इस बीमारी की रोकथाम हेतु उठाये जानेवाले कदमों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये. साथ ही जिला परिषद प्रशासन को इस बीमारी की रोकथाम करने के लिए गोट पॉक्स वैक्सीन की खरीदी हेतु 20 लाख रूपये की निधी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया गया, ताकि इस निधी से करीब 1 लाख वैक्सीन खरीदी जा सके.

* इन्सानों को नहीं होता कोई खतरा
इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी व प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर जिला पशुसंवर्धन उपायुक्त डॉ. संजय कावरे ने बताया कि, लंपी स्कीन डीसीज एक विषाणुजन्य व संक्रामक बीमारी है. जिसका संक्रमण मच्छर-मख्खी व गोचिड के जरिये गाय, भैस व बैल जैसे बडे जानवरों में फैलता है. इस बीमारी के संक्रमण की चपेट में आनेवाले जानवर के पूरे शरीर पर अजीबोगरीब उभार बन जाते है, जो हकीकत में रक्त की गांठें होती है. लेकिन संक्रमण की चपेट में रहनेवाले जानवर के संपर्क में आने की वजह से आज तक किसी इन्सान को इस बीमारी की वजह से ईको खतरा नहीं हुआ है, यानी इस बीमारी का असर जानवरों से इन्सानों में नहीं फैलता.

लंपी डीसीज नामक बीमारी का संक्रमण इस समय केवल धारणी व चिखलदरा तहसील के दो-दो गांवों में ही देखा जा रहा है. ऐसे में इन दोनों गांवों को एक तरह से सील कर दिया गया. वहीं फिलहाल जिले के अन्य किसी क्षेत्र में रहनेवाले जानवरों में इस बीमारी का कोई असर नहीं है. अत: घबराने की बात नहीं है. हम अपनी ओर से इस बीमारी को नियंत्रित करने का पूरा प्रयास कर रहे है. जिसके लिए पशुपालकों को बडे पैमाने पर जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि वे संक्रमण की चपेट में रहनेवाले जानवरों को अन्य जानवरों के संपर्क में न आने दें. इसके साथ ही संक्रमित जानवरों का पशुसंवर्धन विभाग की टीम द्वारा पूरा इलाज भी किया जा रहा है.
– डॉ. संजय कावरे
उपायुक्त, जिला पशुसंवर्धन विभाग, अमरावती.

* राज्य में लंपी डीसीज से 22 जानवरों की मौत
यद्यपि लंपी स्कीन डीसीज नामक विषाणुजन्य बीमारी की चपेट में रहने के चलते अमरावती जिले में अब तक किसी भी जानवर की मौत नहीं हुई है. वही राज्य में इस बीमारी की वजह से 22 जानवरों की मौत होने की जानकारी सामने आयी है. पता चला है कि, अमरावती सहित अकोला, जलगांव, अहमदनगर, धुलिया, अकोला, पुणे, लातूर, औरंगाबाद, बीड, सातारा, बुलडाणा, उस्मानाबाद व कोल्हापुर इन 13 जिलों के 133 गांवों के करीब 1 हजार 224 जानवर लंपी डीसीज से संक्रमित हुए है. जिसमें से 22 जानवरों की मौत हुई है. वही 712 जानवर संक्रमण मुक्त भी हुए है. राज्य में सर्वाधिक 12 जानवरों की मौतें अकेले जलगांव जिले में हुई है. इसके अलावा अहमदनगर व पुणे में 3-3 तथा बुलडाणा में 1 जानवर की मौत होने की जानकारी है. हालांकि अमरावती में भी दो से तीन जानवरों की लंपी डीसीज के चलते मौत होने की बात कही जा रही है, लेकिन अब तक इसकी पशुसंवर्धन विभाग द्वारा अधिकारिक तौर पर पुष्टी नहीं की गई है. वहीं दूसरी ओर इस समय राज्य में 512 संक्रमित जानवरों पर इलाज चल रहा है. जिसके चलते प्रभावित क्षेत्र के 5 किमी दायरे में रहनेवाले 622 गांवों के कुल 2 लाख 21 हजार 90 पशुओं का टीकाकरण किया गया है.

Related Articles

Back to top button