* बाढ प्रभावित इलाकों का चल रहा सीमांकन
अमरावती/दि.23– आगामी बारिश के सीजन को देखते हुए आपत्ति व्यवस्थापन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है. इस संदर्भ में तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम विदर्भ में नदी-नालों किनारे रहने वाले 1 हजार 28 गांवों को बाढ का खतरा बताया गया है. इन गांवों में करीब 10 लाख लोग रहते है. ऐसे में नदी-नालों के किनारे स्थित गांवों में खतरे वाले स्थानों पर ब्ल्यू व रेट लाइन सीमांकन करने के साथ ही बाढ प्रतिबंधात्मक समिति स्थापित करने का निर्देश संभागीय आयुक्त द्वारा आपत्ति व्यवस्थापन विभाग को दिया है.
अमरावती संभाग के पांचों जिलों में आगामी 1 जून से 61 नियंत्रण कक्ष स्थापित किये जाएंगे. जो सप्ताह के सातों दिन चौबीसो घंटे कार्यरत रहेंगे. बारिश वाले दिनों के दौरान अमरावती जिले के 482, बुलढाणा जिले के 286, यवतमाल जिले के 169, अकोला जिले के 77 तथा वाशिम जिले के 77 बाढ प्रभावित रहने वाले गांवों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इन गांवों में रहने वाले नागरिकों की सुविधा हेतु अभी से ही कम से कम डेढ हजार अस्थायी निवास तैयार रहने की जानकारी विभागीय आपत्ति निवारण कक्ष द्वारा दी गई है. उपरोक्त जानकारी देने के साथ ही संभागीय आयुक्त निधि पाण्डेय ने बारिश के सीजन दौरान आपत्ति व्यवस्थापन कक्षों को 24 घंटे कार्यरत रखते हुए मौसम विभाग की ओर से जारी होने वाले अलर्ट को नागरिकों तक तुरंत पहुंचाने हेतु राजस्व एवं संबंधित महकमों को अलर्ट रहने तथा पुराने रास्तें, पुल व इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट करते हुए इसकी रिपोर्ट तुरंत पेश करने का निर्देश भी जारी किया है.
* विभागों को सतर्कता के आदेश जारी
बारिश के मौसम दौरान बाढ की वजह से संपर्क टूट जाने वाले गांवों के लिए दवाईयों के पर्याय स्टॉक सहित अनाज की आपूर्ति हेतु नियोजन करने, दूषित पानी की वजह से संक्रामक बीमारियां न फैल सके. इस हेतु जलस्त्रोतों की गुणवत्ता जांच करने हेतु, विद्युत आपूर्ति सुचारु रखने हेतु महावितरण द्वारा पूर्व नियोजन करने तथा खराब स्थिति में रहने वाले विद्युतरोधी यंत्रों को तत्काल दुरुस्त करने का निर्देश संभागीय आयुक्त द्वारा दिया गया है.
* जीर्ण-शीर्ण इमारतों व पुराने घरों का होगा स्ट्रक्चरल ऑडिट
नदी के गहराईकरण व बाढ संरक्षण दीवार की जांच व दुरुस्ती तुरंत करने, शहर में नालों की सफाई का काम तत्काल पूर्ण करने, जीर्ण-शीर्ण हो चुकी इमारतों और काफी पुराने हो चुके पुलों का सर्वेक्षण करते हुए उनकी सुरक्षा की पृष्टि करने, बार-बार आपत्ति घटित होने वाले स्थानों पर सूचना फलक लगाने और बांध से पानी छोडते समय संबंधितों को 24 घंटे पहले सूचना देने का निर्देश भी संभागीय आयुक्त निधि पाण्डेय द्वारा जारी किया गया है.