अमरावती/दि.9 – इन दिनों 10 रुपए के सिक्के को लेकर एक बार फिर अफवाहों का दौर शुरु हो गया है. जिसके तहत कहा जा रहा है कि, 10 रुपए के सिक्के बहुत जल्दी बंद होने वाले है. इस अफवाहों की वजह से कई दुकानदारों द्बारा ग्राहकों से 10 रुपए का सिक्का नहीं लिया जा रहा. साथ ही अपने पास रहने वाले 10 रुपए के सिक्कों को 10 रुपए की नोटों से बदला जा रहा है. ऐसे में अग्रणी बैंक व्यवस्थापक द्बारा स्पष्ट किया गया है कि, 10 रुपए का सिक्का पूरी तरह से भारतीय चलन में है और इसे स्वीकार करने से मना नहीं किया जा सकता. यदि कोई भी ऐसा करता है, तो उससे इस बारे में लिखित तौर पर वजह लिखकर लेनी चाहिए. जिसके आधार पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है और ऐसी शिकायत के बाद भारतीय करंसी के तौर पर चलन में रहने वाले 10 रुपए के सिक्के को स्वीकार करने से इंकार करने वाले व्यक्ति को 3 साल की जेल भी हो सकती है. इसके साथ ही नागरिकों द्बारा कहा जा रहा है कि, अगर 10 रुपए के सभी सिक्के चलन में है, तो इसे लेकर सभी बैंक कार्यालयों के दर्शनी हिस्से में जानकारी देने वाला बोर्ड लगाया जाना चाहिए. ताकि आम लोगों में रहने वाली गलतफहमी को दूर किया जा सके.
जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले अमरावती से सटे जिले में 10 रुपए के सिक्कों के चलन से बाहर हो जाने की अफवाह फैली थी, जो देखते ही देखते अमरावती शहर व जिले में भी पहुंच गई. जिसके तहत कहा जाने लगा कि, कई व्यापारी ग्राहकों से 10 रुपए के सिक्के नहीं ले रहे साथ ही ग्राहकों को रकम लौटाते समय 10 रुपए की नोट की बजाय ज्यादातर समय 10 रुपए के सिक्के ही दे रहे है. यह अफवाह फैलते ही हर कोई अपने-अपने पास रहने वाले 10 रुपए के सिक्कों से पल्ला झाडने का प्रयास करने लगा. जिसके चलते घर में रखे जाने वाले पिग्मी बैंक में जमा किए गए 10 रुपए के सिक्के भी बाहर निकाल लिए गए. ऐसे में जहां हर कोई 10 रुपए के सिक्के किसी और को टिकाने की जुगत करने लगा. वहीं दूसरी ओर लगभग सभी लोग 10 रुपए का सिक्का स्विकार करने से कतराने लगे है. हालांकि हकीकत यह है कि, 10 रुपए का सिक्का चलन से बाहर होने की खबर पूरी तरह से निराधार है और इस संदर्भ में भारतीय रिजर्व बैंक द्बारा अब तक कोई पत्र जारी नहीं किया गया है.
* 10 रुपए के अलग-अलग डिझाइन वाले 14 सिक्के है चलन में
बता दें कि, इस समय 10 रुपए के अलग-अलग डिझाइन रहने वाले 14 सिक्के चलन में है और ये सभी सिक्के अधिकृत रहने का पत्र आरबीआई द्बारा इससे पहले जारी किया जा चुका है. इन सभी सिक्कों को सभी बैंकों में स्वीकार भी किया जाता है. ऐसे में यदि अधिकृत चलन में रहने वाले इन सिक्कों को स्वीकार करने से किसी के द्बारा इंकार किया जाता है, तो यह गैरकानूनी है. जिसकी बाकायदा शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.
* दंड सहित हो सकती है 3 साल की जेल
रिजर्व बैंक द्बारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक चलन में रहने वाले किसी भी वैध सिक्के या करंसी नोट को स्वीकार करने से इंकार करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो उससे सिक्का स्वीकारने से इंकार करने की वजह लिखित तौर पर लेनी चाहिए. जिसके जानकारी पुलिस को दिए जाने के बाद संबंधित व्यक्ति के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाता है और ऐसे मामलों में दंड सहित 3 साल के कारावास की सजा भी हो सकती है.
* 10 रुपए के नये नोटों की फिलहाल छपाई बंद
जानकारी के मुताबिक रिजर्व बैंक द्बारा फिलहाल 10 रुपए के नोटों की छपाई बंद रखी गई है. जिसके चलते बाजार में 10 रुपए के नये नोट व नोटों के नये बंडल उपलब्ध नहीं है. इसी के चलते 10 रुपए के सिक्के भी बंद होने की अफवाह कुछ लोगों द्बारा संभवत: फैलाई गई. जबकि हकीकत में 10 रुपए के सिक्के पूरी तरह से चलन में बने हुए है.
* विविध बैंकों के पास 1 करोड से अधिक सिक्के जमा
जिले की विविध बैंकों के पास 10 रुपए के कितने सिक्के जमा है, इसका कोई निश्चित आंकडा उपलब्ध नहीं है. क्योंकि बैंकों में रकम के आने व जाने की प्रक्रिया लगातार शुरु रहती है. लेकिन इसके बावजूद एक संभावना के मुताबिक जिले के विविध बैंकों के पास कम से कम 1 करोड से अधिक रकम के सिक्के जमा है.
* बैंकों में नोटों के साथ सिक्के भी होते हैं जमा
उल्लेखनीय है कि, नागरिकों व व्यवसायियों द्बारा बैंकों में रकम जमा करते समय नोटों के साथ 10 रुपए के सिक्के भी जमा कराए जाते है. लेकिन जब बैंकों द्बारा भुगतान के समय 10 रुपए के सिक्के दिए जाते है, तो सिक्कों की बजाय नोटों की शक्ल में भुगतान मांगा जाता है. ऐसे में बैंकों के पास जमा होने वाले 10 रुपए के सिक्कों की संख्या लगातार बढती जा रही है और इन सिक्कों का क्या किया जाए. यह सवाल बैंकों के सामने बना हुआ है.
10 रुपए के सभी सिक्के पूरी तरह से वैध है और चलन में भी है. इन सिक्कों को बंद करने या चलन से बाहर करने के संदर्भ में आरबीआई द्बारा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है. ऐसे में इसे लेकर फैलाई जा रही खबरे पूरी तरह से निराधार है. यदि कोई व्यक्ति सिक्के स्वीकार करने से इंकार करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
– पंकज कुमार,
जिला व्यवस्थापक,
अग्रणी बैंक