अमरावती/प्रतिनिधि दि.6 – महावितरण कंपनी के लघुदाब श्रेणी के बिजली ग्राहको ंसे कंपनी परेशान है. बिजली के बिल के लिए जो चेक ग्राहकों द्बारा दिये जा रहे है उनमें से हर माह 10 हजार 500 चेक बाउंस हो रहे है. इससे हर बिल के लिए विलंब आकार प्लस जीएसटी कर के साथ 885 रुपयों का दंड अगले महिने के बिल में अन्य आकार के रुप में लगाया जाएगा. महावितरण कंपनी इस तरह की स्थिति से बचने के लिए ग्राहकों से ऑनलाइन बिजली का बिल भरने का आग्रह कर रही है.
ऑनलाइन बिजली बिल भरने की सुविधा होने के बाद भी अभी भी लगभग 4 लाख 51 हजार बिजली ग्राहकों द्बारा हर माह बिजली बिल की अदाएगी चेक द्बारा की जा रही है. इसमें पुणे परिमंडल में सार्वाधिक 1 लाख 8 हजार, भांडुप में 1 लाख 4 हजार, कल्याण में 73 हजार तथा नाशिक, कोल्हापुर, बारामती, नागपुर, परिमंडल में 24 हजार से 29 हजार ग्राहकों का समावेश है.
महावितरण कंपनी द्बारा दी गई जानकारी के अनुसार हर माह 10 हजार 500 चेक बाउंस हो रहे है. इसमें पुणे 1750, कल्याण 1700, भांडुप 1500, नागपुर 1100, बारामती 900 तथा अन्य परिमंडलों के 700 से 800 ग्राहकों का समावेश है. सभी ग्राहकों को इसके लिए 750 रुपए विलंब शुल्क अगले महिने के दिन में जोडे जाने की जानकारी दी गई है. चेक पर दंडात्मक राशि लगाई जा रही है. चेक पर गलत तारीख, काटछाट, गलत हस्ताक्षर, गलत नाम, खाते में राशि नहीं रहने से चेक क्लिअर नहीं हो पाते है. बिजली बिल का चेक देने के बाद भरने की पावती भले उसी ही दिन मिलती है, लेकिन राशि आने के बाद ही इससे ग्राह्य माना जाता है.