अमरावती

रोजाना उटों के खानपान पर 10 हजार का खर्च

अब तक 1.40 लाख रुपए खर्च किये गए

  • दस्तुर नगर गौरक्षण में हो रही देखभाल

अमरावती/दि.26 – सैकडों किलोमीटर पैदल सफर तय करते हुए 58 उटों की चोरी छिपे तस्करी की जा रही थी. उन्हें हैदराबाद के बुचड खाना ले जाया जा रहा था. मगर वक्त रहते धामणगांव रेलवे के तलेगांव दशासर पुलिस ने उन उटों को अपने कब्जे में लिया. उन उटों को 11 जनवरी को पुलिस सुरक्षा के बीच अमरावती स्थित दस्तुर नगर के गौरक्षण में लाया गया. यहां उटों की देखरेख की जा रही है. 58 उटों पर रोजाना लगभग 10 हजार रुपए खर्च किया जा रहा है. अब तक चारा, पानी पर 1 लाख 40 हजार रुपए खर्च किया गया हैं.
भारतीय प्राणी मित्र संघ के सदस्य छगनलाल ने बताया कि, फिलहाल मामला अदालत में है. इस मामले में अदालत व्दारा जो फैसला लिया जाएगा, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी. गोैरक्षण में रखे गए सभी उट नर है. जिनकी उम्र 2 से 5 साल तक है. एक उट को एक दिन में कम से कम 50 खुराक और 40 से 50 लीटर पानी की जरुरत होती है. उट को अत्याधिक पानी की जरुरत नहीं होती. राजस्थान सरकार के उट की तस्करी को लेकर कई कडे नियम भी लागू है. जहां भारत में गौहत्या पर प्रतिबंध है, ठिक उसी तरह राजस्थान राज्य से उट बाहर ले जाने के लिए अनुमति लेनी पडती है. इन उटों की तस्करी के तार हैदराबाद से जुड है. मगर अदालत के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. बता दे कि, इन उटों की तस्करी को लेकर कुछ दिन पूर्व ही मेनका गांधी के बयान पर जमकर बवाल मचा था. जिससे राजनीतिक क्षेत्र में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुुरु हो गया था. जबकि इस मामले में उन उटों के रखवालों ने यह भी कहा था कि, अगर उनके उट मर जाते है तो मनका गांधी उसका मुआवजा देगी.

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