अमरावती

जले के 10 हजार कट्टर शिवसैनिक ‘मातोश्री’ के साथ

निष्ठावानों ने पार्टी नेतृत्व को लिखकर दिये प्रतिज्ञापत्र

अमरावती-/दि.23 विगत जून माह के दौरान शिंदे गुट समर्थक विधायकों द्वारा की गई बगावत के चलते जहां एक ओर शिवसेना के हाथ से राज्य की सत्ता चली गई, वहीं पार्टी में भी दोफाड होने का खतरा पैदा हो गया. ऐसे में दोनोें गुटों द्वारा पार्टी के अधिक से अधिक पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को अपनी ओर करने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे शिवसेना में एक तरह से बिखराव और पलायन का दौर शुरू हो गया है. जिसका असर कुछ हद तक अमरावती जिले में भी देखा जा रहा है. हालांकि यहां पर दर्यापुर, मोर्शी व धारणी के कुछ गिने-चुने पदाधिकारी ही शिंदे गुट में शामिल हुए है. यदि इन अपवादों को छोड दिया जाये, तो जिले के अधिकांश पदाधिकारी व सर्वसामान्य शिवसैनिक अब भी शिवसेना में बने हुए है. जिन्होंने अपने पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे के नेतृत्व पर पूरा भरोसा जताया है. साथ ही इनमें से करीब आठ से दस हजार शिवसैनिकों व सेना पदाधिकारियों ने बाकायदा 100-100 रूपये के स्टैम्प पेपर पर प्रतिज्ञापत्र लिखते हुए ‘मातोश्री’ के प्रति अपनी निष्ठा जताई है. यह सभी शपथपत्र अब मुंबई स्थित शिवसेना भवन में पहुंच चुके है. जिसे देखकर निश्चित रूप से पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे द्वारा राहत महसूस की जा रही है.
बता दें कि, विगत डेढ-दो माह के दौरान राज्य की राजनीति में अचानक ही कुछ अनपेक्षित बदलाव हुए. जब शिवसेना के साथ निष्ठावान रहे एकनाथ शिंदे ने अचानक ही अपने समर्थक विधायकों को साथ लेकर शिवसेना में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी. साथ ही आगे चलकर भाजपा के साथ हाथ मिलाते हुए राज्य में अपनी सरकार भी बना ली. वहीं अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पूरे राज्य में अपना नेटवर्क तैयार कर रहे है. जिसके तहत उध्दव ठाकरे के साथ रहनेवाले सेना पदाधिकारियों व शिवसैनिकों को शिंदे गुट में लाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसमें शिंदे गुट को दर्यापुर, धारणी व मोर्शी में कुछ हद तक सफलता भी मिली है. जहां के कुछ गिने-चुने सेना पदाधिकारी ही शिंदे गुट में शामिल हुए. वहीं जिले के अधिकांश शिवसैनिक आज भी शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे के नेतृत्व पर भरोसा दर्शा रहे है. जिन्होंने अपनी निष्ठा को साबित करने के लिए पार्टी नेतृत्व को प्रतिज्ञापत्र लिखकर देने शुरू किये है. जिसके तहत अब तक अमरावती जिले से करीब 10 हजार प्रतिज्ञापत्र मुंबई स्थित शिवसेना भवन को भेजे जा चुके है.
इन प्रतिज्ञापत्रों में सेना पदाधिकारियों व शिवसैनिकों द्वारा लिखा गया है कि, वे शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे के विचारों से प्रेरित है और उनका पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है. साथ ही वे शिवसेना के संविधान, नियमों व अनुशासन के प्रति प्रामाणिक रहने का वचन देते है.
शिंदे गुट को स्थापित हुए करीब दो माह बीत चुके है और इस दौरान अमरावती महानगर शिवसेना का कोई भी पदाधिकारी या शिवसैनिक इस गुट में शामिल नहीं हुआ है. हम सभी शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे के विचारों से प्रेरित कट्टर शिवसैनिक है और हमें पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे के नेतृत्व पर पूरा विश्वास है. साथ ही हम ‘मातोश्री’ के प्रति एकनिष्ठ है.
– पराग गुडधे
महानगर प्रमुख, शिवसेना
जिले में उंगलियों पर गिनने लायक कुछ लोग शिंदे गुट में शामिल हुए है. जिनके चले जाने से पार्टी व संगठन पर कोई खास फर्क भी नहीं पडनेवाला. वही जिले के अधिकांश पदाधिकारी व शिवसैनिक अब भी पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना के साथ एकनिष्ठ है और मातोश्री के प्रति इमानदार है. उलटे बीते दिनों राज्य की राजनीति में जो कुछ भी घटित हुआ, उससे शिवसेना और भी अधिक मजबूत हुई है.
– सुनील खराटे
जिला प्रमुख, शिवसेना

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