
अमरावती /दि.6– जीवनावश्यक वस्तुओं सहित अन्य साहित्यों के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है. जिससे शैक्षणिक सत्र भी अछूता नहीं है. आगामी शैक्षणिक सत्र शुरु होने के मुहाने पर नोटबुक सहित शैक्षणिक साहित्य के दामों में 10 से 15 फीसद की वृद्धि हुई है. इसका सीधा असर विद्यार्थियों के अभिभावकों की जेब पर पड रहा है और इन दिनों सर्वसामान्यों के लिए अपने बच्चों को पढाना-लिखाना काफी महंगा साबित हो रहा है. जिसके चलते सर्वसामान्य परिवारों के बच्चों के लिए किसी निजी शिक्षा संस्था में पढाई-लिखाई करना अब सहज व सरल नहीं रहा.
उल्लेखनीय है कि, आज भी अधिकांश सर्वसामान्य परिवारों के बच्चे जिला परिषद की शालाओं में अपनी पढाई करते है. जिप शालाओं में यद्यपि विद्यार्थियों को गणवेश व किताबे निशुल्क दी जाती है, परंतु उन्हें नोटबुक व बैग जैसी शालेय वस्तुएं बाहर से ही खरीदनी पडती है. जिनकी कीमतो में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है.
जानकारी के मुताबिक कागज के दामों में हुई वृद्धि, छपाई के खर्च व ढुलाई की दरों की वजह से नोटबुक के दाम बढने की बात शालेय साहित्य व्यवसायियों द्वारा कही जा रही है. नोटबुक के दाम बढने के साथ ही स्कूल बैग के दामों में भी 15 से 20 फीसद की वृद्धि हुई है और इस दरवृद्धि का सीधा असर सर्वसामान्य अभिभावकों पर पड रहा है.