हत्या के प्रयास में 10 वर्ष कैद की सजा
अतिरिक्त सरकारी अभियोक्ता सोनाली क्षिरसागर की सफल पैरवी
अमरावती/दि.14- पूराने रंजीश के चलते अपने पडोसी पर जानलेवा हमला करते हुए उसे जान से मार देने का प्रयास करने वाले आरोपी को स्थानीय प्रथम जिला न्यायाधीश एस.एस. खडकर की अदालत ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 5 हजार रुपए के आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई है. इस मामले में अतिरिक्त सरकारी अभियोक्ता सोनाली सुबोध क्षिरसागर ने सफलतापूर्वक पैरवी की. जिसके आधार पर अदालत ने आरोपी को दफा 307 व 504 के तहत हत्या के प्रयास का दोषी माना.
इस्तगासे के मुताबिक जुनी बस्ती बडनेरा के कंपासपूरा में रहने वाले मुकूंद श्रीकृष्ण यावले के बगल में किशोर जानराव उघडे का घर है तथा दोनों पडोसियों के बीच किसी बात को लेकर काफी पहले से वाद विवाद चल रहा था. 27 जुलाई 2016 की सुबह 9 बजे मुकूंद यावले अपने घर से निकलकर शिव पान सेंटर के पास गया था. जहा पर किशोर उघडे ने उसे देखते ही गालिगलौच करनी शुरु कर दी. साथ ही अपने पास से धारदार चाकू निकालकर मुकूंद यावले के पेट में घोप दिया. पश्चात किशोर उघडे मौके से भाग गया. इस समय शिव पान सेंटर के संचालक कैलास बांते सहित मौके पर उपस्थित लोगों ने मुकूंद यावले को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया. जहां पर पुलिस द्बारा उसका बयान दर्ज करते हुए किशोर उघडे के खिलाफ धारा 307 व 504 के तहत अपराध दर्ज किया गया. पश्चात मामले की जांच करते हुए अदालत के समक्ष दोषारोप पत्र दायर किया गया. जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक सरकारी वकील सोनाली क्षिरसागर ने कुल 5 गवाह पेश किये. जिसमें फिरयादी मुकूंद यावले सहित प्रत्येक्षदर्शी गवाह कैलास बांते व डॉ. भरत शेटे के बयान सबसे महत्वपूर्ण रहे. साथ ही सभी गवाह अपने बयान पर कायम रहे. जिसके चलते अदालत ने आरोपी को धारा 307 के तहत दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना नहीं अदा करने पर आरोपी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. इस मामले की जांच में बडनेरा पुलिस थाने के एपीआई गजानन काशिनाथ महेत्रे की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही.